Edited By vasudha,Updated: 03 Mar, 2020 03:29 PM
वोडाफोन आइडिया ने समायोजित सकल आय (एजीआर) बकाए को लेकर दूरसंचार विभाग को 3,043 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। इससे पहले भी कंपनी ने 1000 करोड़ को भुगतान किया था। दरअसल कंपनी के ऊपर 53 हजार करोड़ रुपये का एजीआर बकाया था...
बिजनेस डेस्क: संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग को 3,043 करोड़ रुपये के विलंबित स्पेक्ट्रम बकाया का भुगतान किया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दूरसंचार कंपनियों द्वारा पिछली नीलामियों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम की किस्त का अनिवार्य रूप से भुगतान करना होता है। वोडाफोन आइडिया ने इसी के तहत भुगतान किया है।
कंपनी द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया का भुगतान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि उन पर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की करीब 53,000 करोड़ रुपये की देनदारी बनती है। कंपनी ने अभी तक दो किस्तों में एजीआर देनदारी का 3,500 करोड़ रुपये चुकाया है। दूरसंचार विभाग सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि कंपनी ने विलंबित स्पेक्ट्रम देनदारी का 3,043 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। दूरसंचार कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया के भुगतान की अभी यह आखिरी किस्त होगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल स्पेक्ट्रम भुगतान पर दो साल की छूट देने की मंजूरी दी थी। यानी दूरसंचार कंपनियों को दो साल तक स्पेक्ट्रम के पिछले बकाया का भुगतान नहीं करना होगा। गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2019 तक कंपनी के पास 1.8 अरब डॉलर का ग्रॉस कैश बैलेंस था। इसमें से मार्च 2020 तक 45 करोड डॉलर का स्पेक्ट्रम बकाया चुकाया जाना है। कंपनी ने करीब 49 करोड़ डॉलर AGR से जुड़े बकाये के मद में चुका दिए हैं।
बता दें कि कंपनी ने एजीआर बकाए के भुगतान के लिए 18 साल की समयसीमा की मांग की थी। इसके साथ ही कंपनी ने कहा था कि उसे ब्याज व जुर्माने के भुगतान से तीन साल की छूट भी मिलनी चाहिए। कंपनी का कहना है कि उसकी माली हालत ठीक नहीं है। वह अपने उत्तरदायित्व को तभी पूरा कर सकती है, जब सरकार सांविधिक बकाया पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज को किश्तों में चुकाने का विकल्प प्रदान करे। वहीं वोडाफोन समूह के सीईओ निक रीड भी छह मार्च को भारत आ सकते हैं, ऐसे में वह समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के भुगतान में राहत के लिए दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद से भी मुलाकात कर सकते हैं।