Edited By vasudha,Updated: 20 Jan, 2020 03:18 PM
रियलटी क्षेत्र को पटरी पर लाने और मांग बढ़ाने के लिए मध्यम वर्ग को अगले वित्त वर्ष के बजट में विशेष राहत दिये जाने की अपील करते हुये इस क्षेत्र ने किफायती आवास वर्ग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिये जाने की उम्मीद जतायी है...
बिजनेस डेस्क: रियलटी क्षेत्र को पटरी पर लाने और मांग बढ़ाने के लिए मध्यम वर्ग को अगले वित्त वर्ष के बजट में विशेष राहत दिये जाने की अपील करते हुये इस क्षेत्र ने किफायती आवास वर्ग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिये जाने की उम्मीद जतायी है। गौड़ ग्रपु के प्रबंध निदेशक एवं क्रेडाई की किफायती आवास समिति के अध्यक्ष मनोज गौड़ बजट को लेकर अपनी अपेक्षायें व्यक्त करते हुये कहा कि आगामी बजट को बड़ी उम्मीदों के साथ देखा जा रहा है क्योंकि यह एक ऐसा दिन हो सकता है जब बहुत सारे नीतिगत फैसलों को रियल एस्टेट सेक्टर के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए घोषित किया जा सकता है।
मनोज गौड़ ने कहा कि रियलटी क्षेत्र को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिये जाने की मांग बहुत दिनों से की जा रही है और उम्मीद है कि बजट में इस दिशा में कोई घोषणा की जायेगी। उन्होंने कहा कि एक आवासीय परियोजना शुरू किये जाने पर न सिर्फ हजारों मजदूर को रोजगार मिलता है बल्कि 150 से अधिक उद्योगों को भी ऑडर्र मिलते हैं और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट की फिर से शुरुआत की जानी चाहिए। इसे पिछले वर्ष वापस ले लिया गया था। इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ के साथ, संपत्ति की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी।
जीएसटी के दायरे में स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क भी लाना अगर बजट में शामिल होता है तो इसकी बहुत सराहना की जाती। मध्यम आय वर्ग को आवास खरीदने पर अधिक छूट दिये जाने की वकालत करते हुये उन्होंने कहा कि इस वर्ष बजट में आयकर छूट सीमा को मौजूदा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर पाँच लाख रुपये किया जाना चाहिए क्योंकि इससे लोगों को अपने आवास खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। इससे सरकार के वर्ष 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराने के लक्ष्य को भी हासिल करने में मदद मिलेगी।