भारत में इन सब पर अकेले भारी है वॉरेन बफेट, जानिए कितनी है संपत्ति?

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 May, 2018 05:56 PM

warren buffett is the only one in india

बर्कशियर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफेट के पास खरबों रुपए के शेयर्स हैं और फोर्ब्स मैगजीन के अरबपतियों की ताज़ा सूची में वो 87 अरब 70 करोड़ डॉलर की निजी संपत्ति के साथ दुनिया के तीसरे सबसे अधिक अमीर हैं।

नई दिल्लीः बर्कशियर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफेट के पास खरबों रुपए के शेयर्स हैं और फोर्ब्स मैगजीन के अरबपतियों की ताज़ा सूची में वो 87 अरब 70 करोड़ डॉलर की निजी संपत्ति के साथ दुनिया के तीसरे सबसे अधिक अमीर हैं। यह रकम भारत की सबसे अमीर शख्सियत मुकेश अंबानी की संपत्ति से दोगुनी है।

हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बफेट की होल्डिंग कंपनी बर्कशियर हैथवे के पास अभी 116 अरब डॉलर यानी करीब 7.65 लाख करोड़ रुपए की नकदी है। यानी ये रकम भारत के घरेलू बैंकों के करीब 9 लाख करोड़ रुपए के डूबे हुए कर्ज़ (एनपीए) से कुछ ही कम है। आइए जानते हैं, भारत के संदर्भ में कितनी है बफेट की संपत्ति।

कौन हैं वॉरेन बफेट
वॉरेन का जन्म 30 अगस्त 1930 को ओमाहा के नेब्रास्का कस्बे में हुआ था। ओमाहा का होने के कारण ही उन्हें ऑरेकल ऑफ ओमाहा भी कहा जाता है। उनका एप्पल में निवेश है लेकिन उनके पास आईफोन नहीं है। यहां तक कि उनके पास कोई भी स्मार्टफोन नहीं है और वो अभी तक पुराना फ्लिप फोन इस्तेमाल करते हैं।

साल 2013 में एक टेलीविजन इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "मैं कुछ भी नहीं फेंकता, जबतक कि उसे 20-25 साल अपने पास नहीं रख लेता।" फिर उन्होंने अपना फोन दिखाते हुए कहा था, "ये अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने मुझे दिया था।"

निजी जेट है लेकिन चलते पुराने कार से
आज भले ही पूरी दुनिया बफेट की व्यापार समझ और निवेश रणनीति का लोहा मानती हो लेकिन नामचीन हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल ने उन्हें दाखिला देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद बफेट ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री हासिल की।

साल 2014 तक बफेट अपनी 8 साल पुरानी कार से ही चलते थे। बाद में जनरल मोटर्स के सीईओ ने किसी तरह उन्हें नई अपग्रेडेड कार लेने के लिए मनाया। हालांकि बफेट के पास अपना निजी जेट है, जिसका इस्तेमाल वो बिजनेस मीटिंग्स के लिए करते हैं।

टॉप बीएसई 200 कंपनियों की संपत्ति
कैपिटलाइन के मुताबिक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड टॉप 200 कंपनियों, जिनमें बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान शामिल नहीं हैं इनकी कुल संपत्ति मिलाकर भी बफेट की संपत्ति से कम है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीएसई 200 में से 154 कंपनियों के पास कुल 7,32,132 करोड़ रुपए का कैश है।

​​टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों से ज्यादा रेवेन्यू
2017 में बर्कशियर हैथवे का कुल राजस्व 242.13 अरब डॉलर (करीब 16 लाख करोड़ रुपए) रहा था। यह टाटा ग्रुप के 2017 के कुल 6.73 लाख करोड़ रुपए के राजस्व का 2.4 गुना है।

कई कंपनियों की संपत्ति के बराबर मुनाफा
बर्कशियर हैथवे को पिछले साल 44.94 अरब डॉलर (करीब 3 लाख करोड़ रुपए) का मुनाफ हुआ। जो सैंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों को पूरे साल में हुए कुल 2,55,836 करोड़ रुपए के मुनाफे से ज्यादा है। सैंसेक्स 30 कंपनियों के मुनाफे का यह आंकड़ा 14 सूचकांक कंपनियों की वित्त वर्ष 2017-18 की अर्निंग्स और बाकी कंपनियों के वित्त वर्ष 2016-17 की अर्निंग्स को मिलाकर निकाला गया।

देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के बराबर कैश
बर्कशियर हैथवे के पास पड़ा कैश भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी टीसीएस के बाजार पूंजीकरण से ज्यादा है। अभी टीसीएस का मार्केट कैप 106 अरब डॉलर (करीब 700 खरब रुपए) है जबकि बर्कशियर के पास 116 अरब डॉलर (करीब 775 खरब रुपए) कैश पड़ा है।

​बीएसई में लिस्टेड शेयरों का 5%
बर्कशियर हैथवे कैश में पड़े 775 खरब रुपए से बीएसई में लिस्टेड सारे शेयरों का 5% हिस्सा खरीद सकता है। बीएसई में लिस्टेड शेयरों का कुल मूल्य 150 लाख करोड़ रुपए है।

​भारत की जीडीपी का करीब 5वां हिस्सा
बर्कशियर का 470 अरब डॉलर (करीब 31 लाख करोड़ रुपए) मार्केट कैप भारत की जीडीपी के 21% के बराबर है। यह थाइलैंड, ईरान, ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे जैसी इकॉनमी से बड़ी है और बेल्जियम की इकॉनमी के लगभग बराबर। 

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