नोटों से फैल रही टी.बी और अल्सर जैसी बीमारियां, कैट ने की जेटली से जांच कराने की मांग

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Sep, 2018 02:17 PM

what currency notes are caused by diseases

करंसी नोट रखकर आप अपनी पॉकेट में बीमारी लेकर चल रहे हैं। आपको यकीन नहीं होगा लेकिन हाल ही की एक रिपोर्ट में करंसी नोट से कई प्रकार की गंभीर बीमारियां होने का पता चला है।

नई दिल्लीः करंसी नोट रखकर आप अपनी पॉकेट में बीमारी लेकर चल रहे हैं। आपको यकीन नहीं होगा लेकिन हाल ही की एक रिपोर्ट में करंसी नोट से कई प्रकार की गंभीर बीमारियां होने का पता चला है। इनमें टी.बी., अल्सर, सैप्टीसीमिया एवं कीटाणु से फैलने वाली अन्य बीमारियां शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक करंसी नोटों से 78 प्रकार की बीमारियां होने का खतरा होता है। इस मामले में व्यापारियों ने वित्त मंत्री से जांच व सफाई पेश करने की मांग की है।

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किसकी है रिपोर्ट
करंसी नोटों से होने वाली गंभीर बीमारियों का खुलासा इंस्टीच्यूट ऑफ जेनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बॉयोलॉजी (आई.जी.आई.बी.) की रिपोर्ट में किया गया है। यह इंस्टीच्यूट काऊंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (सी.एस.आई.आर.) के अधीन काम करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कीटाणु करंसी नोटों के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचते रहते हैं, जो अपने साथ विभिन्न प्रकार की खतरनाक बीमारियां लाते हैं। 

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ऐसा ही एक खुलासा माइक्रोबायोलॉजी एंड अप्लायड साइंस की रिपोर्ट में 2016 में भी किया गया था। इस रिपोर्ट को तमिलनाडु के तिरुनेलवेली मैडीकल कॉलेज में किए गए शोध के आधार पर तैयार किया गया था। शोध के दौरान 120 करंसी नोटों की जांच की गई। इनमें से 86.4 प्रतिशत नोट कीटाणु वाले पाए गए जिससे बीमारी फैलने की आशंका थी। ये नोट व्यापारी, डॉक्टर, छात्र एवं घरेलू महिलाओं से लिए गए थे।

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CAIT का जेटली से सवाल
अखिल भारतीय व्यापारी संघ (कैट) ने करेंसी नोट से बीमारी होने की मीडिया में छपी शोध रिपोर्टों का हवाला देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर उनसे इस मुद्दे की जांच कराने का आग्रह किया है। कैट ने जेटली को आज लिखे अपने पत्र में ऐसी शोध रिपोर्टों का हवाला दिया है, जिनके मुताबिक करेंसी नोट कई तरह की बीमारियों को न्योता देते हैं। 

कैट का कहना है कि वित्त मंत्री को इस मामले की जांच कराकर सही तस्वीर सामने लानी चाहिए और अगर ये शोध रिपोर्ट सही साबित होते हैं, तो इन बीमारियों से बचाव के उपाय किए जाने चाहिए। कैट ने इस पत्र की प्रति केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को भी भेजी है और उनसे इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है। 

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