जीडीपी के आंकड़ों पर क्या बोला उद्योग जगत?

Edited By Yaspal,Updated: 27 Nov, 2020 10:33 PM

what did industry say on gdp figures

दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट कम होने के साथ उद्योग जगत और विशषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर जो कदम उठाये हैं, उसका सार्थक परिणाम दिख रहा है। उन्होंने आने वाले महीनों में पुनरूद्धार की गति में...

नई दिल्लीः दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट कम होने के साथ उद्योग जगत और विशषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर जो कदम उठाये हैं, उसका सार्थक परिणाम दिख रहा है। उन्होंने आने वाले महीनों में पुनरूद्धार की गति में तेजी आने का भरोसा जताया। वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि जीडीपी का दूसरी तिमाही का आंकड़ा अर्थव्यवस्था में पुनरूद्धार को बताता है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘सरकार ने प्रोत्साहन देने और सुधारों को लेकर जो कदम उठाये हैं, उसका परिणाम दिख रहा है। उम्मीद है, वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में वृद्धि दर सकारात्मक होगी और 2021-22 में दहाई अंक में होगी।

उद्योग मंडल सीआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले दूसरी तिमाही में संकुचन केवल 7.5 प्रतिशत रहा है। इससे ‘लॉकडाउन' से जुड़ी पाबंदियों में ढील के साथ एक भरोसा बढ़ेगा। स्पष्ट रूप से अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है।'' उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को खोलने को लेकर जो कदम उठाये हैं, उसका वृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि यह प्रवृत्ति आगे भी बनी रहेगी और वह तीसरी तिमाही में प्रतिबिंबित होगा। हालांकि निजी खपत दूसरी तिमाही में कमजोर जान पड़ता है, लेकिन जो भी संकेत हैं, वे अगली तिमाही में मजबूत खपत की ओर इशारा कर रहे हैं।''

फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि जीडीपी का आंकड़ा एक सुखद आश्चर्य है। उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर विश्लेषक जो अनुमान लगा रहे थे, उससे यह कहीं बेहतर है। यह संकेत देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से पुनरूद्धार के रास्ते पर है। विनिर्माण क्षेत्र में मामूली लेकिन सकारात्मक वृद्धि निश्चित रूप से उत्साहजनक है।'' शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से जीडीपी में दूसरी तिमाही में केवल 7.5 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि इससे बड़े संकुचन का अनुमान लगाया जा रहा था।

कोरोना वायरस महामारी फैलने से रोकने के लिए लागू सख्त सार्वजनिक पाबंदियों के बीच चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आयी थी। जुलाई-सितंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि इससे पूर्व तिमाही में इसमें 39 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि पहली तिमाही में तीव्र गिरावट के बाद संकुचन में उल्लेखनीय कमी भारतीय अर्थव्यवस्था में तीव्र गति से पुनरूद्धार को बताता है। उन्होंने कहा कि कई महत्वूपर्ण आंकड़े (परचेर्जिंग मैनेजर इंडेक्स, बिजली खपत, माल ढुलाई, जीएसटी संग्रह आदि) आगे और सुधार के संकेत दे रहे हैं।

उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने मार्च 2020 से सुधारों को आगे बढ़ाया है। इससे अर्थव्यवस्था को तेजी पटरी पर आने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत मांग को बढ़ाने के लिये जो कदम उठाये हैं, उसका आने वाले समय में आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और निजी निवेश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के मयूर द्विवेदी ने कहा कि आंकड़ा बेहतर है और अब यह देखना है कि यह गति आगे बनी रहती है या नहीं। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रूमकी मजूमदार ने कहा कि पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स), बिजली खपत, माल ढुलाई जैसे हाल के आंकड़ों को देखते हुए आने वाले समय में तेजी से सुधार की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘जल्दी ही कई प्रभावी टीके आने की संभावना से एक उम्मीद बंधी है कि महामारी देर-सबेर खत्म होगी।''

 

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