Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jul, 2019 06:46 PM
मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप ने बुधवार को कहा कि उसने इंडियन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी (आईएसपीपी) के साथ एक साझीदारी की है। इसका लक्ष्य भविष्य के नीति निर्माताओं को यह समझने में मदद करना है कि उत्पादों के विकास में निजता का ध्यान रखना कितना अहम है।
नई दिल्लीः मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप ने बुधवार को कहा कि उसने इंडियन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी (आईएसपीपी) के साथ एक साझीदारी की है। इसका लक्ष्य भविष्य के नीति निर्माताओं को यह समझने में मदद करना है कि उत्पादों के विकास में निजता का ध्यान रखना कितना अहम है।
व्हाट्सएप के वैश्विक प्रमुख विल कैथकार्ट ने मुंबई में भारतीय स्टार्टअप कंपनियों एवं उद्यमियों से बातचीत के दौरान साझेदारी से जुड़ी घोषणा की। सत्र के दौरान कैथकर्ट ने उपभोक्ता एवं कारोबार आधारित सफल उत्पाद विकसित करने के लिए निजता को प्रमुख सिद्धांत के तौर पर शामिल करने के महत्व पर चर्चा की। कैथकर्ट ने कहा, ''हम भारत में लोगों के बीच की बातचीत को गोपनीय रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि आईएसपीपी के साथ साझेदारी के जरिए हम भविष्य के नीति निर्माताओं को यह समझने में सहायक सिद्ध होंगे कि निजता को बुनियादी सिद्धांत बनाकर उत्पाद विकसित करने से आज के डिजिटल युग में लोगों को हम निजता का अधिकार दे सकेंगे।''
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष व्हाट्सएप पर प्रसारित झूठी खबरों की वजह से एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ भीड़-हिंसा की घटनाएं सामने आयी थी। इसके बाद भारत सरकार ने व्हाट्सएप से फर्जी संदेशों के उद्गम का पता लगाने का रास्ता निकालने को कहा था। फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी के भारत में 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और उसका कहना है कि फर्जी संदेशों के उद्गम का पता लगाने से उपयोक्ताओं की निजता प्रभावित होगी। आईएसपीपी की साझेदारी के तहत निजता को लेकर श्रृंखलाबद्ध कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।