RBI के दिशानिर्देशों के पालन में पेमेंट से जुड़े डेटा को देश में ही स्टोर करेगा वॉट्सऐप

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Oct, 2018 04:15 PM

whatsapp sets up to store payments related data locally to meet rbi norm

दुनिया की सबसे लोकप्रिय मेसेजिंग सेवा एप व्हाट्सएप ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के तहत से उसने देश के भीतर ही भुगतान संबंधी डाटा रखने की प्रणाली स्थापित की है।

नई दिल्लीः दुनिया की सबसे लोकप्रिय मेसेजिंग सेवा एप व्हाट्सएप ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के तहत से उसने देश के भीतर ही भुगतान संबंधी डाटा रखने की प्रणाली स्थापित की है। आरबीआई ने अप्रैल में अपने परिपत्र में भुगतान सेवा देने वाले सभी परिचालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि भुगतान संबंधी सभी आंकड़ों का संग्रहण उन्हें केवल भारत में ही स्थापित एक प्रणाली में करना होगा। रिजर्व बैंक ने ऐसा करने के लिए कंपनियों को 15 अक्टूबर तक की मोहलत दी थी।

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के डाटा संग्रहण संबंधी परिपत्र के अनुपालन के लिए हमने एक प्रणाली स्थापित की है जो भुगतान संबंधी सभी आंकड़ों का भारत में ही स्थानीय तौर पर संग्रहण करेगी।’’ व्हाट्सएप इस साल की शुरूआत से देश में अपनी भुगतान सेवाओं का प्रायोगिक परीक्षण कर रही है। भारत में अभी करीब 10 लाख लोग व्हाट्सएप की इस सेवा का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस सेवा को देशभर में शुरू किए जाने की योजना है, ताकि यह देश के ‘वित्तीय समावेश लक्ष्यों’ को पूरा करने में अपना योगदान कर सके।

सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी. पी. कानूनगो ने वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए डाटा स्थानीयकरण नियम को लेकर बैठक की थी। इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी भी शामिल हुए। रिजर्व बैंक के डाटा स्थानीयकरण नियमों पर बाजार ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। घरेलू भुगतान कंपनी फोनपे और पेटीएम ने जहां इसका स्वागत किया वहीं गूगल पे ने डाटा के मुक्त प्रवाह की बात को अहमियत दी। इस नियम के अनुपालन को लेकर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने और समय की मांग और इन आंकड़ों की एक नकल रखने की अनुमति देने की बात की। 

एक सरकारी सूत्र ने बताया कि गूगल ने आरबीआई के इस नियम का अनुपालन करने पर सहमति जताई है लेकिन उसने इसके लिए दिसंबर तक का समय मांगा है। इसके अलावा करीब 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने एक संयुक्त पत्र में प्रस्तावित निजी डाटा सुरक्षा विधेयक के कुछ प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की है। इस विधेयक में भी कुछ विशेष प्रकार के डाटा को देश के भीतर ही संग्रहीत करने की बात कही गई है। अप्रैल में अपने आदेश में रिजर्व बैंक ने कहा था कि भुगतान सेवा परिचालकों की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इन आंकड़ों तक अनौपचारिक निगरानी पहुंच हो। साथ ही यह पहुंच भुगतान सेवा से जुड़े सेवा प्रदाताओं, बिचौलियों और तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं के आंकड़ों तक भी हो। 
 

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