लगातार दूसरे सप्ताह गेहूं और अन्य मोटे अनाजों में गिरावट जारी

Edited By ,Updated: 05 Mar, 2017 12:29 PM

wheat and other cereals continue to decline for the second consecutive week

आटा मिलों के कमजोर उठान के मुकाबले उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति बढऩे के बाद पर्याप्त स्टॉक जमा होने के कारण बीते सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के थोक अनाज बाजार में गेहूं और अन्य मोटे अनाजों की कीमतों में गिरावट जारी रही।

नई दिल्लीः आटा मिलों के कमजोर उठान के मुकाबले उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति बढऩे के बाद पर्याप्त स्टॉक जमा होने के कारण बीते सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के थोक अनाज बाजार में गेहूं और अन्य मोटे अनाजों की कीमतों में गिरावट जारी रही। हालांकि बढ़ती मांग के कारण चावल बासमती की कीमतों में मजबूती आई। बाजार सूत्रों ने कहा कि उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति में तेजी आने के कारण पर्याप्त स्टॉक के मुकाबले आटा मिलों के कमजोर उठान के कारण मुख्यत: गेहूं की कीमतों पर दबाव रहा। इस बीच केन्द्र सरकार ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात की सरकारों से जल्द से जल्द गेहूं की खरीद शुरू करने को कहा है क्योंकि स्थानीय बाजारों में नई फसल का आना शुरू हो गया है। 

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और प्रदेश सरकार की एजेंसियां अप्रैल से गेहूं की खरीद करना शुरू करेंगी। भारत में फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में 9 करोड़ 66.4 लाख टन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है जो इसके पिछले वर्ष में 9 करोड़ 22.9 लाख टन हुआ था। भारी फसल उत्पादन अनुमान को लेकर उत्साहित एफसीआई ने विपणन वर्ष 2017-18 में गेहूं खरीद का लक्ष्य 3.3 करोड़ टन निर्धारित किया है जबकि चालू वर्ष में 2.3 करोड़ टन की खरीद की गई थी। राष्ट्रीय राजधानी में गेहूं (देशी), गेहूं दड़ा (मिल के लिए) की कीमतें गिरावट के साथ क्रमश: 2,450-2,750 रुपए और 1,810-1,820 रुपए प्रति क्विंटल रह गईं जो पिछले सप्ताहांत क्रमश: 2,600-2,900 रुपए और 1,880-1,890 रुपए प्रति क्विंटल थीं। 

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