Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 May, 2022 06:19 PM
उत्तर प्रदेश के इटावा में निर्धारित 69000 मीट्रिक टन लक्ष्य के मुकाबले केवल 932 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीद हो पाई है। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी संतोष कुमार पटेल ने शनिवार को बताया कि सरकार की ओर से 69000 मीट्रिक टन गेंहू खरीद का लक्ष्य रखा गया था...
इटावाः उत्तर प्रदेश के इटावा में निर्धारित 69000 मीट्रिक टन लक्ष्य के मुकाबले केवल 932 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीद हो पाई है। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी संतोष कुमार पटेल ने शनिवार को बताया कि सरकार की ओर से 69000 मीट्रिक टन गेंहू खरीद का लक्ष्य रखा गया था लेकिन सरकार और निजी कारोबारियों के मूल्य मे अंतर होने के कारण गेंहू किसानों ने सरकारी केंद्र के बजाय निजी कारोबारियो के यहॉ पर गेंहू बेचना अधिक मुनासिब समझा है।
उधर, विपणन विभाग ने गेंहू किसानो से घर घर जाकर गेंहू को खरीदने का प्लान बनाया है। उन्होने बताया कि इसके तहत मोबाइल पर केंद्र प्रभारी संबंधित गांव के राशन डीलर उचित दर विक्रेताओं के साथ ही ग्राम प्रधान से संपकर् साधा जाएगा एवं जिस गांव से एक ट्रक गेहूं की संभावना होगी उस गांव में किसानों के घर घर जाकर मोबाइल क्रय केंद्र की ओर से गेहूं की खरीद की जाएगी।
गेहूं की खरीद संबंधित गांव के पंचायत भवन एवं उचित दर विक्रेताओं के यहां की जाएगी एवं गेहूं खरीद के बाद वहीं से आसपास के भारतीय खाद्य निगम के डिपो में गेहूं को भेज दिया जाएगा। पटेल ने बताया कि इटावा में 58 सरकारी क्रय केंद्र बनाए गए थे। सरकार ने 2025 रुपए प्रति क्विटंल गेहूं की खरीद का मूल्य रखा गया है जबकि निजी व्यापारी किसान को 2150 से लेकर 2200 रुपए प्रति कुंटल के हिसाब से किसान को नगद भुगतान कर रहे हैं। साथ ही किसान को सरकारी क्रय केंद्र तक जाने के लिए माल भाड़ा भी खर्च करना पड़ता था जिसके चलते किसान सरकारी क्रय केंद्र की जगह निजी आढ़तियों को अपना गेहूं बेच रहा था, इसलिए सरकार की ओर से किसान के घर-घर जाकर मोबाइल क्रय केंद्र के जरिए गेहूं की खरीद किए जाने की योजना बनाई गई है।