ई-कॉमर्स कंपनियां नए घोषणा नियमों को पूरा कर रही है या नहीं, केंद्र ने राज्यों से रिपोर्ट मांगी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jul, 2018 05:35 PM

whether or not e commerce companies are meeting new announcement rules

केंद्र ने ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से बिक्री की जाने वाली पैकेट बंद वस्तुओं की पैकिंग पर वस्तु का विवरण प्रकाशित करने के नियमों के अनुपालन की स्थिति पर राज्य सरकारों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

नई दिल्लीः केंद्र ने ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से बिक्री की जाने वाली पैकेट बंद वस्तुओं की पैकिंग पर वस्तु का विवरण प्रकाशित करने के नियमों के अनुपालन की स्थिति पर राज्य सरकारों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बंद उत्पादों के आवरण पर उनके प्रयोग की अंतिम तिथि तथा ग्राहक सुविधा संबंधी सूचना आदि का प्रकाशन अनिवार्य किया गया है। 

विधिक मापविज्ञान (पैकेटबंद जिंस) संशोधन नियम, 2017 के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए गत एक जनवरी से पैकेटबंद उत्पादों के लिए (दवाइयों को छोड़कर) पहले से पैक सामानों पर उनकी सूचना प्रकाशित करने के नियम अनिवार्य कर दिए गए हैं। इसे अनिवार्य किया गया है। अभी ऑनलाइन बिकने वाले सामान पर सिर्फ अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) अंकित होता है। 

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने राज्य सरकारों को लिखा है कि वे ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा नए घोषणा नियमों के अनुपालन पर स्थिति रिपोर्ट दें।’’ अधिकारी ने बताया कि अमेजॉन, फ्लिपकॉर्ट तथा स्नैपडील जैसी कंपनियां नए घोषणा नियमों का अनुपालन कर रही हैं। हालांकि, राज्यों से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है।

अधिकारी ने बताया कि देश में हजारों ई-कॉमर्स पोर्टल हैं। कुछ ने अपनी वेबसाइट पर इन नए नियमों को डाला है और विक्रेताओं को उसका कड़ाई से पालन करने को कहा है। एमआरपी के अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों को किस देश का उत्पाद है, कब तक इस्तेमाल किया जा सकता है, कस्टमर केयर का ब्योरा, मात्रा, विनिर्माता और आयातक का नाम-पता और जिंस के नाम की घोषणा करनी होगी। 

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