'व्हाइट गोल्ड' की खरीद का आंकड़ा जा सकता है 1 करोड़ के पार

Edited By vasudha,Updated: 17 Feb, 2020 11:05 AM

white gold purchase figures may go beyond 1 crore

देश में चालू कपास सीजन के दौरान विभिन्न कपास पैदावार राज्यों की मंडियों में अब तक 2.40 से 2.50 करोड़ गांठों का व्हाइट गोल्ड आने के कयास लगाए जा रहे हैं। कपड़ा मंत्रालय के उपक्रम भारतीय कपास निगम (सी.सी.आई.) ने 1 अक्तूबर से शुरू हुए इस कपास सीजन के...

बिजनेस डेस्क: देश में चालू कपास सीजन के दौरान विभिन्न कपास पैदावार राज्यों की मंडियों में अब तक 2.40 से 2.50 करोड़ गांठों का व्हाइट गोल्ड आने के कयास लगाए जा रहे हैं। कपड़ा मंत्रालय के उपक्रम भारतीय कपास निगम (सी.सी.आई.) ने 1 अक्तूबर से शुरू हुए इस कपास सीजन के दौरान देश में अब तक लगभग 62 लाख गांठों का व्हाइट गोल्ड न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) पर खरीदा है, जबकि महाराष्ट फैडरेशन ने 7.50 लाख गांठों का व्हाइट गोल्ड खरीदा। बाजार जानकारों की मानें तो सी.सी.आई. चालू कपास सीजन दौरान 80 से 90 लाख गांठों का व्हाइट गोल्ड खरीद सकती है, जबकि पिछले साल मात्र 10.70 लाख गांठ व्हाइट गोल्ड खरीदा गया था।

 

सी.सी.आई. सूत्रों के अनुसार जब तक मंडियों में अच्छा व्हाइट गोल्ड आता रहेगा, उनकी खरीद जारी रहेगी। खरीद का आंकड़ा 1 करोड़ गांठ भी पार हो सकता है। उधर, उत्तरी राज्यों की मंडियों में अब तक लगभग 52,68,500 गांठों का व्हाइट गोल्ड आ चुका है। इसमें सबसे अधिक आमद हरियाणा में 19,92,200 गांठ पहुंची हैं, जबकि दूसरा स्थान श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सर्कल में 14,35,100 गांठ, तीसरा स्थान लोअर राजस्थान में 11,10,100 गांठ तथा चौथे स्थान पर पंजाब रहा है। यहां 7,31,100 गांठों का व्हाइट गोल्ड पहुंचा है। देश में रोजाना व्हाइट गोल्ड की आमद कमजोर होकर 1.65 से 1.90 लाख गांठ रह गई है। जबकि फरवरी के शुरूआत में देश में व्हाइट गोल्ड की आमद 2.15 से 2.23 लाख गांठों से अधिक रोजाना चल रही थी।

 

कोरोना वायरस का असर कपड़ा मिलों पर
सूत्रों के अनुसार चीन के कोरोना वायरस महामारी का असर भारतीय कपड़ा व स्पिनिंग मिलों पर देखने को मिला है। रूई व यार्न के एक्सपोर्ट में कमी आई है। विशेेषकर यार्न एक्सपोर्ट पर दबाव बना हुआ है। पिछले दो हफ्तों में यार्न में लगभग 4 प्रतिशत भाव गिरने की सूचना है। यार्न में 4 प्रतिशत गिरावट को भारतीय यार्न मार्कीट में बड़ी मंदी माना जाता है। माना जाता है कि चीन को लगभग 1200 मिलियन यार्न एक्सपोर्ट होता है। दूसरी तरफ बाजार में हाजिर रूई की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है क्योंकि पिछले लगभग दो हफ्तों में लगभग 80-90 रुपए प्रति मन रूई कीमतें लुढ़क चुकी हैं। यार्न लगातार लुढ़कने से स्पिङ्क्षनग मिलों ने अपनी रोजाना की खपत कम कर दी है। कपड़ा व स्पिङ्क्षनग मिलों को भारी आॢथक संकट से जूझना पड़ रहा है।

 

सी.सी.आई. की पालिसी पर सभी हैं हैरत में
कपड़ा मंत्रालय ने देश के किसानों की भलाई और भारतीय कपड़ा  स्पिनिंग मिलों  की रक्षा के लिए भारतीय कपास निगम (सी.सी.आई.) विभाग गठित किया गया। सी.सी.आई. ने कई हजार करोड़ रुपए खर्च करके किसानों का व्हाइट गोल्ड एम.एस.पी. 5450-5550 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा है, जो एक बहत ही बढिय़ा फैसला है। व्यापारी व्हाइट गोल्ड 5150-5350 रुपए क्विंटलल खरीद रहे हैं। दूसरी तरफ सी.सी.आई. ने अपनी रूई की सेल हाजिर रूई बाजार से 500 रुपए प्रति मन अधिक भाव निकाला है, जिससे रूई कारोबारी हैरत में हैं।


 

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