थोक महंगाई दर 9 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची, विनिर्मित उत्पाद महंगे हुए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Dec, 2020 01:33 PM

wholesale inflation rises to 9 month high manufactured products

विनिर्मित उत्पादों के महंगा होने के चलते थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति) नवंबर में 1.55 प्रतिशत बढ़कर नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कुछ नरमी आई।

नई दिल्लीः विनिर्मित उत्पादों के महंगा होने के चलते थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति) नवंबर में 1.55 प्रतिशत बढ़कर नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कुछ नरमी आई। नवबंर में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति फरवरी के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 2.26 प्रतिशत थी। 

समीक्षाधीन अवधि में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हुई, हालांकि विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ीं। खाने-पीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 प्रतिशत था। इस दौरान सब्जियों और आलू की कीमतों में तेजी जारी रही। गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी 8.43 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही। इस दौरान ईंधन और बिजली की महंगाई दर ऋणात्मक 9.87 प्रतिशत थी।

RBI ने जताया था अनुमान
इसी महीने 4 दिसंबर को रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति (MPC)में कहा था कि सर्दियों के महीनों में कम अवधि राहत को छोड़कर महंगाई में बढ़त रहेगी। साथ ही अक्टूबर-दिसंबर तिमाहियों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित रिटेल महंगाई के 6.8% पर रहने का अनुमान लगाया गया था।

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