Edited By ,Updated: 16 Oct, 2016 02:12 PM
दलहन की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बाद बाजार में आपूर्ति की स्थिति में सुधार के बीच मौजूदा स्तर पर फुटकर विक्रेताआें की कमजोर
नई दिल्ली: दलहन की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बाद बाजार में आपूर्ति की स्थिति में सुधार के बीच मौजूदा स्तर पर फुटकर विक्रेताआें की कमजोर मांग के कारण दिल्ली के थोक दाल दलहन बाजार में बीते सप्ताह चने और अरहर की अगुवाई में चुनिंदा दलहन कीमतों में गिरावट आई। 'दशहरा' पर्व के कारण मंगलवार को बाजार बंद रहे। हालांकि काबुली चने की कीमतें लाभ दर्शाती बंद हुईं।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मौजूदा उच्च स्तर पर फुटकर मांग में गिरावट के अलावा सरकार द्वारा बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बाद थोक दलहन बाजार में आपूर्ति बढऩे से पर्याप्त स्टॉक जमा होने से मुख्यत: चना के साथ कुछ अन्य दलहनों की कीमतों में गिरावट आई। इस बीच विभिन्न प्रदेशों में सरकारी बिक्री केन्द्रों के अभाव के कारण सरकार देश भर में त्यौहारों के दौरान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डाकघरों के विशाल नैटवर्क का उपयोग सस्तीन दाल की बिक्री के लिए करेगी।
राष्ट्रीय राजधानी में चना, चना दाल स्थानीय और बेहतरीन क्वॉलिटी की कीमतें 200-200 रुपए की गिरावट के साथ क्रमश: 10,300-10,500 रुपए, 10,500-10,800 रुपए और 10,900-11,000 रुपए प्रति क्विंटल रह गई। अरहर और इसके दाल दड़ा किस्म की कीमत क्रमश: 150 रुपए और 200 रुपए की गिरावट के साथ क्रमश: 7,150 रुपए और 9,100-10,900 रुपए प्रति क्विंटल रह गई।