नया टैक्स स्लैब चुनकर क्या ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार होगा कंज्यूमर?

Edited By vasudha,Updated: 15 Feb, 2020 09:52 AM

will the consumer be ready to spend more by choosing a new tax slab

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इन्कम टैक्स के नए स्लैब का प्रस्ताव दिया है। इसमें टैक्स की दरें घटाई गई हैं पर साथ ही शर्त यह जोड़ दी गई है कि जो नया टैक्स स्लैब चुनेगा वह 70 तरह की छूटों का फायदा नहीं ले पाएगा। ऐसे में सवाल है कि क्या नया...

बिजनेस डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इन्कम टैक्स के नए स्लैब का प्रस्ताव दिया है। इसमें टैक्स की दरें घटाई गई हैं पर साथ ही शर्त यह जोड़ दी गई है कि जो नया टैक्स स्लैब चुनेगा वह 70 तरह की छूटों का फायदा नहीं ले पाएगा। ऐसे में सवाल है कि क्या नया टैक्स स्लैब चुनने वाला कंज्यूमर ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार होगा? एक उपभोक्ता के तौर पर क्या वह खर्च को तरजीह देगा? क्या इससे बाजार में पैसे का बहाव बढ़ेगा? इस सवाल का जवाब एकदम साफ है कि निश्चित तौर पर वह ज्यादा खर्च करेगा।

 

अर्थशास्त्री डॉ. सारथी आचार्य का कहना कि जो भी टैक्स स्लैब चुनेगा उसमें वह यह जरूर देखेगा कि ज्यादा फायदा किसमें है। नए टैक्स स्लैब में दरें कम होने के कारण उसके हाथ में पैसा ज्यादा रहेगा। ऐसे में उसके पास ज्यादा खर्च की गुंजाइश होगी। उसका रुझान निवेश की तरफ भी बढ़ेगा। बेशक उसे निवेश पर छूट न मिले, मगर नए स्लैब में दरें कम होने के चलते उसे फायदा पहले ही हो चुका होगा जो उसको पुराने टैक्स स्लैब से मिलने वाली छूटों से ज्यादा होगा।

 

लोगों की जेब में आए ज्यादा पैसा : अजय भूषण पांडे 
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे का कहना है कि नए टैक्स स्लैब का लक्ष्य यही है कि लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आए। एक उपभोक्ता के तौर पर वे ज्यादा खर्च करें ताकि बाजार में खरीदारी बढ़े जिससे ग्रोथ को बढ़ावा मिले। वित्त मंत्रालय ने हाल में एक रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक करीब 80 फीसदी करदाता नए टैक्स स्लैब को लेकर उत्साहित हो सकते हैं। इस बारे एक विश्लेषण से पता चला था कि इनमें ज्यादातर को बचत की संभावना है।

 

वैकल्पिक है नई कर व्यवस्था
नए स्लैब के मुताबिक 2.5 लाख से 5 लाख रुपए की आय पर 5 प्रतिशत, 5 से 7.5 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत, 7.50 से 10 लाख रुपए पर 15 प्रतिशत, 10 लाख से 12.5 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत, 12.5 से 15 लाख रुपए की आय पर 25 प्रतिशत और 15 लाख रुपए से ऊपर की आमदनी पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया है। नई कर व्यवस्था वैकल्पिक है।

 

सोच में बदलाव लाना उद्देश्य
सी.ए. सुशील अग्रवाल अनुसार नए इन्कम टैक्स स्लैब के पीछे लोगों की सोच में बदलाव लाना उद्देश्य है। करदाता को तय करना है कि वह छूट लेकर खर्च करे या छूट लिए बिना कम इन्कम टैक्स दे और जो पैसा बचे उसे खर्च करे। 

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