जाड़ा ठीक से शुरू भी नहीं हुआ, चढ़ने लगे खाद्य तेलों के दाम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Nov, 2022 01:19 PM

winter did not even start properly prices of edible oils started climbing

जाड़े का मौसम शुरू होते ही भारत में खाद्य तेलों की मांग बढ़ जाती है। इस समय विदेशी बाजारों में भी एडिबल ऑयल में तेजी का रुख है। शायद यही वजह है कि दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को कुछ तेलों में तेजी दिखी। इनमें सरसों, सोयाबीन और बिनौला तेल...

नई दिल्लीः जाड़े का मौसम शुरू होते ही भारत में खाद्य तेलों की मांग बढ़ जाती है। इस समय विदेशी बाजारों में भी एडिबल ऑयल में तेजी का रुख है। शायद यही वजह है कि दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को कुछ तेलों में तेजी दिखी। इनमें सरसों, सोयाबीन और बिनौला तेल शामिल हैं। बाकी तेल-तिलहनों की कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुईं। कारोबारी सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 0.7 प्रतिशत की तेजी है जबकि शिकागो एक्सचेंज लगभग 1.5 प्रतिशत मजबूत बंद हुआ है।

मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में तेजी का रुख

तेल कारोबारियों के मुताबिक मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में तेजी का रुख है। इस वजह से भारत में भी सोयाबीन और सरसों तेल- तिलहन कीमतों में सुधार आया है। हालांकि अभी सरसों के थोक में भाव पिछले साल के मुकाबले कम हैं। इसलिए किसान कम मूल्य पर बिक्री करने के लिए मंडियों में अपनी उपज नहीं ला रहे हैं। सोयाबीन किसानों ने भी पिछले साल से कहीं महंगे भाव पर सोयाबीन बीज की खरीद की थी और उन्हें अपनी उपज के अच्छे दाम नहीं मिल रहे।

जाड़े में बढ़ जाती है खाद्य तेलों की मांग

ऐसा हर साल होता है। सर्दियों की शुरूआत से ही खाद्य तेलों की मांग बढ़ने लगती है। जाड़े में काफी लोग अपने पैर-हाथ में भी सरसों का तेल लगाते हैं। इसके अलावा भोजन में भी तेल की मात्रा बढ़ जाती है। इस वजह से इस समय बाजार में लाइट ऑयल, जैसे सरसों, सोयाबीन, बिनौला आदि तेलों की कीमतों पर अनुकूल असर दिखा है। कारोबारियों का कहना है कि विदेशों में सूरजमुखी तेल की भारी कमी है और आयात की सीमा खोलने से देश में आयात और आयातक बढ़ेंगे। कोटा के अलावा आयात ठप होने से हल्के तेलों की घरेलू उपलब्धता प्रभावित हो रही है और इसकी वजह से बाकी लाइट ऑयल्स में मजबूती का रुख है।

तेल-तिलहनों के भाव

दिल्ली के तेल—तिलहन बाजार में शुक्रवार को भाव इस प्रकार रहे..

सरसों तिलहन - 7,325-7,375 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,875-6,935 रुपए प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,900 रुपए प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,560-2,820 रुपए प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,100 रुपए प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,300-2,430 रुपए प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,370-2,485 रुपए प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,800-20,500 रुपए प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,000 रुपए प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,650 रुपए प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,250 रुपए प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,400 रुपए प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,600 रुपए प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 11,000 रुपए प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 10,000 रुपए (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 5,450-5,500 रुपए प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 5,260-5,310 रुपए प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपए प्रति क्विंटल।

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