Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Dec, 2020 07:08 PM
कोविड-19 महामारी के बाद कंपनियों की आय पर पड़े प्रभाव के बावजूद नौकरियों और वेतन में कटौती उतने व्यापक स्तर पर नहीं है जितना कि आशंका जतायी जा रही थी। एक अध्ययन में यह कहा गया है।
नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के बाद कंपनियों की आय पर पड़े प्रभाव के बावजूद नौकरियों और वेतन में कटौती उतने व्यापक स्तर पर नहीं है जितना कि आशंका जतायी जा रही थी। एक अध्ययन में यह कहा गया है।
सीआईआई-टैलेंटोनिक एचआर सोल्यूशंस के संयुक्त अध्ययन-नई व्यवस्था में संगठन को फिर से तैयार करना: मानव संसाधन की भूमिका- शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों के लिये कोविड-19 संकट से निपटने के लिये उठाये गये कदमों में कुल 13 प्राथमिकताओं में लोगों को नौकरी से हटाना सातवें स्थान पर था। वहीं वेतन में कटौती या उसे आगे टालने की प्राथमिकता 13वें स्थान पर थी। संकट से निपटने के लिए विभिन्न उपायों की तलाश ने कंपनियों को अधिक सशक्त बनाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘आय और नकदी पर पड़े गंभीर प्रभाव के बावजूद.... नौकरी से हटाना और वेतन में कटौती उतना व्यापक नहीं रहा, जैसा कि यह माना जा रहा था।' रिपोर्ट के अनुसार घर से काम ने कई समस्याओं का समाधान किया है लेकिन इसके बावजूद रहन-सहन, संस्कृति के स्तर अलग-थलग होने को लेकर चिंता बढ़ी है। इसमें कहा गया है कि संगठन को फिर से तैयार करना और उसे स्थायी तौर पर बदलाव के लिये नये कौशल की जरूरत है। सर्वे में शामिल कंपनियों से बातचीत में ऐसा जान पड़ा कि कई संगठन इस मामले में आगे बढ़ रहे हैं। इसमें विभिन्न क्षेत्रों की करीब 250 कंपनियां शामिल हुई और यह सर्वे अगस्त के अंत से नवंबर के मध्य तक किया गया।