Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jul, 2021 10:39 AM
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दोबारा सत्ता में आने के 15 दिन के भीतर ही ममता बनर्जी सरकार ने उनसे राज्य में निवेश के लिए संपर्क किया था। अग्रवाल ने सोमवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की एक वर्चुअल परिचर्चा में भाग लेते
कोलकाताः वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दोबारा सत्ता में आने के 15 दिन के भीतर ही ममता बनर्जी सरकार ने उनसे राज्य में निवेश के लिए संपर्क किया था। अग्रवाल ने सोमवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की एक वर्चुअल परिचर्चा में भाग लेते हुए केंद्र और राज्य सरकारों के रुख में आए बदलावों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब सरकारें निवेशकों के प्रति अग्रसारी रुख अपना रही हैं। उन्होंने कहा, "यह काफी शानदार है। बंगाल में सरकार बनने के 14-15 दिन के बीच उनसे राज्य में निवेश के लिए दो बार संपर्क किया गया।" हालांकि, उन्होंने इसका और ब्योरा नहीं दिया।
अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्रियों द्वारा उद्योग की मांगों पर ध्यान देने की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में 60 से 70 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है, क्योंकि किसी उपक्रम को पूरी तरह बेचने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों में मूल्यवर्धन कम से कम 3-4 गुना होना चाहिए।
करीब 12 अरब डॉलर राजस्व वाले समूह के प्रमुख ने बिजली क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि बिजली की आपूर्ति दो-तीन रुपए प्रति यूनिट की दर पर हो सकती है। यदि दक्ष तरीके से उत्पादन हो, तो इसकी लागत एक रुपए प्रति यूनिट बैठेगी।
अग्रवाल ने इस साल फरवरी में कहा था कि वेदांता ने लंदन स्थित वैश्विक निवेश कंपनी सेंट्रिकस के साथ 10 अरब डॉलर का कोष बनाने के लिए भागीदारी की है। इस भागीदारी के जरिए भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री में निवेश किया जाएगा।