Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Feb, 2019 01:31 PM
लोकसभा चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट मोदी सरकार ने गरीब कामगारों को बड़ा तहफा दिया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019 में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा की है।
बिजनेस डेस्कः लोकसभा चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट मोदी सरकार ने गरीब कामगारों को बड़ा तहफा दिया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019 में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का ऐलान करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि 100 रुपए के मासिक योगदान पर कामगारों को 60 साल की आयु के बाद हर महीने 3000 रुपए पेंशन मिलेगी। इसके तहत असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों को रिटायरमेंट के बाद एक न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाएगी ।
इस स्कीम का फायदा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे मजदूरों को मिलेगा जिनकी मासिक आमदनी 15 हजार रुपए से कम है। इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र में सबसे कमजोर 25 फीसदी लोगों के लिए एक फाइनैंशल सिक्यॉरिटी स्कीम की तरह मिलेगा। सरकार के इस कदम से घरेलू नौकरानियों, ड्राइवरों, प्लबंर, बिजली का काम करने वाले कामगारों को फायदा हो सकता है, जो इस स्कीम के तहत 15 हजार की सैलरी से कम कमाई कर पाते हों।
पीयूष गोयल ने कहा कि 21 हजार से कम वेतन वाले मजदूरों को 7 हजार रुपए का बोनस मिलेगा। न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ाई गई। 2 करोड़ ईपीएफओ अकाउंट खोले गए। 10 करोड़ मजदूरों के लिए पेंशन योजना। वहीं जिनका ईपीएफ कटता है उन्हें 6 लाख रुपए का बीमा दिया जाएगा।
लोकसभा में साल 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते समय गोयल ने कहा कि इस योजना से 10 करोड़ कामगारों को लाभ होगा और यह अगले पांच सालों में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है। भारत में करीब 50 करोड़ की वर्कफोर्स है, जिसमें से 90 प्रतिशत हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करता है। ऐसे कामगारों को आमतौर पर सरकारों की ओर से तय न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता और न ही पेंशन या हेल्थ इंश्योरेंस जैसी सोशल सिक्यॉरिटी मिल पाती है।