Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Dec, 2020 02:45 PM
विश्वबैंक ने आंकड़ों में अनियमिता की समीक्षा के बाद कारोबार सुगमता की संशोधित रैकिंग जारी की है। विश्वबैंक ने शुक्रवार को कहा कि 2018 की सूची में चीन का स्थान सात अंक नीचे होना चाहिए था। चीन के अलावा विश्वबैंक ने सऊदी अरब,
नई दिल्लीः विश्वबैंक ने आंकड़ों में अनियमिता की समीक्षा के बाद कारोबार सुगमता की संशोधित रैकिंग जारी की है। विश्वबैंक ने शुक्रवार को कहा कि 2018 की सूची में चीन का स्थान सात अंक नीचे होना चाहिए था। चीन के अलावा विश्वबैंक ने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अजरबेजान की रैकिंग में भी संशोधन किया है।
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विश्वबैंक ने पिछली कुछ रिपोर्टों के आंकड़ों में अनियमिता की समीक्षा के बाद बदलाव के चलते अगस्त में कारोबार सुगमता रैकिंग की रिपोर्टों के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी। विश्वबैंक ने 16 दिसंबर को एक बयान में कहा कि आंकड़ों में अनियमिता की समीक्षा के बाद चार देश चीन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और अजरबेजान की रैकिंग में सुधार की जरूरत पड़ी। कारोबार सुगमता रैकिंग 2018 में कारोबार शुरू करने, ऋण प्राप्त करने और कर चुकाने के संकेतकों के आंकड़ों में अनियमितताओं के शामिल रहते चीन को 65.3 अंक दिया गया था। उस रिपोर्ट में चीन की वैश्विक रैकिंग 78 थी। उसकी 2017 की रैकिंग की भी यही थी।
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नियमिताओं की समीक्षा के बाद 2018 की रैकिंग में चीन को 64.5 अंक हासिल हुए। इस तरह उसकी वैश्विक रैकिंग सात अंक गिरकर 85 रही। समीक्षा के बाद संयुक्त अरब अमीरात की रैकिंग 16 पर अपरिवर्तित रही। जबकि सऊदी अरब की 62 से घटकर 63 हो गई और अजरबेजान की 34 से सुधरकर 28 हो गई।
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