Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Oct, 2019 12:58 PM
पंजाब नैशनल बैंक (PNB) के नए मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ एस एस मल्लिकार्जुन राव ने बताया कि बैड लोन की नई लहर नहीं दिख रही है लेकिन कुछ कंपनियों के डिफॉल्ट करने से हैरानी जरूर हुई है। राव ने बताया कि PNB दो अन्य सरकारी बैंकों को खुद में मिलाने की...
नई दिल्लीः पंजाब नैशनल बैंक (PNB) के नए मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ एस एस मल्लिकार्जुन राव ने बताया कि बैड लोन की नई लहर नहीं दिख रही है लेकिन कुछ कंपनियों के डिफॉल्ट करने से हैरानी जरूर हुई है। राव ने बताया कि PNB दो अन्य सरकारी बैंकों को खुद में मिलाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि इधर सेंटिमेंट बदला है और रिटेल सेगमेंट की तरफ से कर्ज की मांग बढ़ रही है। उन्होंने इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बताया कि आर्थिक आंकड़ों पर इसका असर कुछ समय बाद दिखने लगेगा।
नए बैड लोन से जुड़ी चिंताओं पर उन्होंने कहा कि इसे दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। राव ने बताया, ‘जहां तक बड़ी कंपनियों और डायरेक्ट लेंडिंग सेगमेंट से जुड़ी चिंता है, हम बैड लोन का सबसे बुरा दौर पीछे छोड़ आए हैं।’ उन्होंने कहा कि ऐग्रिकल्चर जैसे कुछ छोटे सेगमेंट पर मामूली दबाव हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि बैंकों को अब अप्रत्याशित जगहों से बुरी खबरों का सामना करना पड़ रहा है। इस लिस्ट में ILऐंडFS, DHFL हाल में HDIL और एल्टिको शामिल हैं।
'DHFL कर सकता है डिफॉल्ट'
राव ने बताया, ‘DHFL ने अभी तक डिफॉल्ट नहीं किया है, लेकिन उसके आगे चलकर ऐसा करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। हमने होम लोन कंपनी को 1,800-2,000 करोड़ का कर्ज दे रखा है। आधार हाउसिंग को दिए गए कर्ज में अभी कोई समस्या नहीं दिख रही है। HDIL मामले का असर सभी बैंकों पर नहीं पड़ेगा और यह सिर्फ PMC बैंक तक सीमित है।’
PNB के सीईओ ने यह भी बताया कि दिवालिया अदालत के जरिए बैड लोन के मामलों के तेजी से सुलझने से बैंकों को काफी राहत मिलेगी। ऐसे कर्ज के लिए उन्होंने पहले जो प्रोविजनिंग की थी, वह लोन रिजॉल्यूशन के बाद फिर से मुनाफे में जुड़ जाएगा। पंजाब नैशनल बैंक को नेट NPA को 6 प्रतिशत से नीचे लाने का भरोसा है।
लोन ग्रोथ और रिकवरी
PNB के सीईओ ने बताया कि अगर आप पिछले साल अक्टूबर-नवंबर से तुलना करें तो आज ज्यादातर NBFC की स्थिति बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘अगर आप सालाना आधार पर देखें तो NBFC को पब्लिक सेक्टर बैंकों से 1.75 लाख करोड़ का कर्ज मिला है। हालांकि, इस पूरी रकम से उन्होंने कर्ज नहीं दिया है। उसकी वजह यह है कि NBFC की बैलेंस शीट की हालत अभी कमजोर है।’