Edited By vasudha,Updated: 08 Feb, 2020 01:01 PM
शिमला के बाद अब आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम और अरकू के बीच भी रेल यात्रा का एक अलग ही अंदाज यात्रियों को देखने को मिलेगा। इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने इस रूट पर भी विस्टाडोम कोच युक्त ट्रेन चलाई है, जिसके जरिए यात्री प्राकृतिक दृश्यों का आनंद...
बिजनेस डेस्क: शिमला के बाद अब आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम और अरकू के बीच भी रेल यात्रा का एक अलग ही अंदाज यात्रियों को देखने को मिलेगा। इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने इस रूट पर भी विस्टाडोम कोच युक्त ट्रेन चलाई है, जिसके जरिए यात्री प्राकृतिक दृश्यों का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। कांच की छत, रोटेटेबल कुर्सियां, हैंगिंग एलसीडी के साथ विशेष सुविधाएं इस कोच में मिलेंगी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक वीडियो कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि विशाखापट्टनम और अरकू के बीच घाटियों की खूबसूरती को यात्री करीब से देख सकें, इसके लिये इस रूट पर विस्टाडोम कोच युक्त ट्रेन चलाई गयी है। बड़ी खिड़कियों व पारदर्शी कांच की छत से यात्री सफर के दौरान प्रकृति को करीब से देख पाते हैं। यह ट्रेन पर्यटकों को सफर का एक नया अनुभव देती है।
बता दें कि विशाखापट्टनम से अरकू घाटी पर्वत स्टेशन के बीच की दूरी 128 किलोमीटर है। चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में इन कोच को तैयार किया गया हैं, जिस पर 3.38 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इस ट्रेन में सफर करने के प्रति यात्री 670 रुपए चुकाने होंगे। इस ट्रेन में सात कोच हैं। इनमें से फर्स्ट क्लास केटेगिरी की 6 विस्टाडोम कोच हैं। एक फर्स्ट क्लास सिटिंग कम लगेज कोच है। एक कोच में 15 यात्री ही सफर कर सकते हैं, जबकि सिटिंग क्लास की क्षमता 14 है।
इस कोच की छत भी शीशे की बनी है, इसमें दिव्यांगों के लिए साइड डोर भी उपलब्ध है। साथ ही कंपार्टमेंट में ऑटोमैटिक दरवाजे भी लगाए गए हैं। सभी कोच में एलईडी लाइट लगी हैं। इसके अलावा पैसेंजर्स तक जल्दी सूचना पहुंचाने के लिए जीपीसी आधारित सूचना प्रणाली का उपयोग किया गया है।बता दें कि पिछले साल दिसंबर महीने में पारदर्शी छत और बड़ी खिड़कियों वाली हिम दर्शन एक्सप्रेस को शुरू किया गया था। हिम दर्शन एक्सप्रेस विश्व धरोहर में शामिल कालका-शिमला मार्ग (Kalka-Shimla Route) पर चलाई जा रही है। शीशे की छत वाली सात बोगियों के हर कोच में 15 सीटें हैं।