Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Sep, 2019 06:35 PM
शादी के बाद पीएफ (Provident Fund) खाते और EPS (Earnings Per Share) का नॉमिनेशन अवैध हो जाता है। ऐसा EPF स्कीम, 1952 के नियमों की वजहों से होता है। दरअसल, रूल के हिसाब से पूर्व में किया नॉमिनेशन शादी के बाद पीएफ और ईपीएस अकाउंट में खुद-ब-खुद इनवैलिड...
बिजनेस डेस्कः शादी के बाद पीएफ (Provident Fund) खाते और EPS (Earnings Per Share) का नॉमिनेशन अवैध हो जाता है। ऐसा EPF स्कीम, 1952 के नियमों की वजहों से होता है। दरअसल, रूल के हिसाब से पूर्व में किया नॉमिनेशन शादी के बाद पीएफ और ईपीएस अकाउंट में खुद-ब-खुद इनवैलिड हो जाता है। ऐसी स्थिति में उक्त व्यक्ति को दोबारा/ताजा नॉमिनेशन करना पड़ता है।
EY India में पीपल एडवाइजरी सर्विसेज के निदेशक पुनीत गुप्ता ने इस बारे में एक बिजनेस वेबसाइट को बताया, 'पीएफ स्कीम के अनुसार, शादी के बाद नया नॉमिनेशन देना पड़ता है क्योंकि पुराना वाला अवैध मान लिया जाता है यानी अगर शादी के पहले आप ईपीएफ और ईपीएस का हिस्सा बने हैं, तब आपको शादी के बाद दोबारा से नॉमिनेशन देना होगा।
Deloitte India में पार्टनर सरस्वती कस्तूरीरंगन ने कहा- ईपीएफ और एपीएस में शादी से पहले दिया गया नॉमिनेशन विवाह के बाद अमान्य हो जाता है। ईपीएफ योजना के नियमानुसार, किसी भी EPFO सदस्य को शादी के बाद फिर से नॉमिनेशन देना होता है।
EPS और EPF खाते से जुड़े ये हैं नियम
- EPF अधिनियम के अनुसार, केवल निर्धारित परिवार के सदस्य ही ईपीएफ खाते में नॉमिनेट किए जा सकते हैं।
- ईपीएफ एक्ट के तहत, पुरुषों के मामले में फैमिली का मतलब उसकी पत्नी और बच्चे (शादीशुदा या बगैर शादी के), निर्भर पैरेंट्स और उसके मृत बेटे की विधवा व उनके बच्चे होंगे।
- वहीं महिलाओं के केस में परिवार के तहत उसका पति, बच्चे (शादीशुदा या बगैर शादी के), निर्भर अभिभावक, पिता के निर्भर अभिभावक और बेटे की विधवा के साथ उनके बच्चे।