Edited By pooja verma,Updated: 15 Nov, 2019 11:19 AM
चंडीगढ़ प्रशासन का एस्टेट ऑफिस 11 फ्री होल्ड रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में सफल रहा है।
चंडीगढ़ (राजिंद्र) : चंडीगढ़ प्रशासन का एस्टेट ऑफिस 11 फ्री होल्ड रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में सफल रहा है। इससे विभाग को रिजर्व प्राइज 27 करोड़ रुपए के मुकाबले 44 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। सैक्टर-33 की साइट नंबर 540 सबसे अधिक 15 करोड़ 30 लाख 28 हजार 732 रुपए में नीलाम हुई है। दो कनाल 14 गज के इस प्लॉट का रिजर्व प्राइस 7.53 करोड़ था।
वहीं विभाग इस बार भी लीज होल्ड कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में असफल रहा है। विभाग ने रैजीडैंशियल, कर्मिशयल और इंडस्ट्रीयल को मिलाकर कुल 26 प्रॉपर्टी को ऑक्शन में रखा था। असिस्टैंट एस्टेट ऑफिसर मनीष लोहान ने कहा कि इससे पहले विभाग की इस साल क ी गई ऑक्शन में कर्मिशयल और रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी के लिए अच्छा रिस्पांस नहीं मिला था। इस बार रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी के लिए अच्छा रिस्पांस मिला है।
ये रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी हुई नीलाम
विभाग जिन रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में सफल रहा है, उनमें सैक्टर-40बी की साइट नंबर 1421 प्रॉपर्टी 3.71 करोड़ के मुकाबले 4.01 करोड़ रुपए में नीलाम हुई। इसी तरह सैक्टर-35सी की साइट नंबर 2151 रिजर्व प्राइज 3.58 क रोड़ के मुकाबले 4.52 करोड़, सैक्टर-40बी की साइट नंबर 1439 रिजर्व प्राइस 2.36 करोड़ के मुकाबले 3.35 करोड़, सैक्टर-40 की साइट नंबर 237 रिजर्व प्राइस 1.82 करोड़ की जगह 3.18 करोड़, सैक्टर-38 की साइट नंबर 3526 रिजर्व प्राइस 1.78 करोड़ की जगह 3.42 करोड़, सैक्टर-38 की साइट नंबर 1045 रिजर्व प्राइस 1.76 करोड़ के मुकाबले 2.95 करोड़, सैक्टर-32ए की साइट नंबर 471 रिजर्व प्राइज 1 करोड़ के मुकाबले 1.68 करोड़ और सैक्टर-37 की भी तीन प्रॉपर्टी की विभाग ऑक्शन करने में सफल रहा।
कमॢशयल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में फेल
विभाग कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में असफल रहा। विभाग ने 14 कमर्शियल और 1 इंडस्ट्रीयल साइट को लीज होल्ड बेसिज पर ऑक्शन में रखा था। इसमें इंडस्ट्रीयल एरिया की इंडस्ट्रीयल साइट नंबर 187-बी शामिल थी। वहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी में सात साइट अकेले सैक्टर-39, सैक्टर-44 में दो, सैक्टर-36 में दो व सैक्टर-24, 33 और 42 की भी एक-एक साइट शामिल थी।
पहले असफल रहा था विभाग
इससे पहले फरवरी माह में भी विभाग ने रैजीडैंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी को ऑक्शन के लिए रखा था। प्रशासन ने ये 10 साल बाद अपनी प्रॉपर्टी को ऑक्शन करने का प्रयास किया था। उस दौरान प्रशासन सभी 10 रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में तो सफल रहा था लेकिन वह 13 कमर्शियल प्रॉपर्टी में से सिर्फ 1 प्रॉपर्टी की ही ऑक्शन कर पाया था। यहां तक कि इंडस्ट्रीयल प्रॉपर्टी के लिए भी किसी बोलादाता ने रुचि नहीं दिखाई थी।
प्रॉपर्टी कंसल्टैंट एसोसिएशन चंडीगढ़ के चेयरमैन कमलजीत सिंह पंछी ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन के नियम काफी सख्त है, इसलिए इस बार भी कमर्शियल प्रॉपर्टी की ऑक्शन करने में प्रशासन असफल रहा है। उन्होंने कहा कि लीज होल्ड प्रॉपर्टी पर कोई भी लोन सुविधा नहीं है। यहां पर कलैक्टर रेट्स काफी अधिक हैं। साथ ही लीज होल्ड प्रॉपर्टी पर 2.5 प्रतिशत ग्राऊंड रेंट के अलावा 18 प्रतिशत जी.एस.टी. भी है। उन्होंने मांग की है कि लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड किया जाना चाहिए।