Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2018 09:53 AM
अपनी ही मासूम 7 साल की बेटी के साथ दुराचार करने के मामले में अदालत ने दोषी पिता को 15 साल की सजा सुनाई है।
चंडीगढ़ (संदीप): अपनी ही मासूम 7 साल की बेटी के साथ दुराचार करने के मामले में अदालत ने दोषी पिता को 15 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 1 लाख 5 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इस जुर्माना राशि में से एक लाख बतौर मुआवजा पीड़ित बच्ची को दिए जाने के आदेश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता और बच्ची की मां अपने बयानों से पलट गई थी, लेकिन बच्ची अदालत में अपने पिता की हरकतों के बारे में खुलकर बयान दिए। इससे पहले सैक्टर-11 थाना पुलिस ने दोषी के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 376 (2), (एफ) (1) और पॉक्सो एक्ट 6 के तहत केस दर्ज किया था।
हालांकि अदालत ने उसे पॉक्सो एक्ट 6 में दोषी करार दिया और सजा सुनाई है। सैक्टर-11 थाना पुलिस ने 17 अक्तूबर 2017 को बच्ची की मां की शिकायत पर मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। शिकायत में पीड़ित की मां ने आरोप लगाया था की वह प्राइवेट जॉब करती है और उसका पति ढोल बजाने का काम करता है।
पति शाम के समय ही काम पर जाता था और दिन के समय अधिकतर घर पर ही रहता था। वह दिन के समय अपने काम पर चली जाती थी। एक दिन तबियत खराब होने से वह काम पर नहीं गई थी। इस दौरान उसका 8 साल का बेटा और 7 साल की बेटी दोनों बच्चे स्कूल से घर लौटे थे।
घर पहुंचने के बाद उसकी बच्ची ने पेट में दर्द होने की शिकायत की। वह बच्ची का चैकअप करवाने के लिए उसे लेकर पी.जी.आई. पहुंची। बच्ची ने उसे बताया की 2 दिन पहले उसके पिता ने बच्ची का शारीरिक शोषण किया था और उसे धमकाते हुए इस बारे में किसी को भी बताने से मना किया था।
अदालत ने कहा कि एक पिता जो परिवार का संरक्षक होता है, उसी ने नाबालिग बेटी का शोषण किया। यह न एक गंभीर मामला है, बल्कि परिवार के लिए शर्मनाक भी है। इसका खामियाजा उसे लंबे समय तक भुगतना पड़ेगा। ऐसा अपराध करने वाले समाज में किसी तरह की दया के योग्य नहीं हो सकते।