Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 May, 2018 03:29 PM
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से स्थानीय विधायक ज्ञानचंद गुप्ता और सांसद रतन लाल कटारिया से भी गुहार लगाई है कि वे शहर को मिल रहे 18 क्यूसिक पानी की जगह अब 50 क्यूसिक पानी उपलब्ध करवाने में सहयोग करें।
पंचकूला (आशीष): हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से स्थानीय विधायक ज्ञानचंद गुप्ता और सांसद रतन लाल कटारिया से भी गुहार लगाई है कि वे शहर को मिल रहे 18 क्यूसिक पानी की जगह अब 50 क्यूसिक पानी उपलब्ध करवाने में सहयोग करें। दोनों नेता केन्द्र सरकार के समक्ष भाखड़ा से मिलने वाले पानी की मांग बढऩे के लिए मांग रखे।
केंद्रीय ग्रह मंत्रालय ने वर्ष 1983 में तय किया था कि शहर को भाखड़ा नहर के पानी में से चंडीगढ़ के जरिए पंचकूला को 18 क्यूसिक पानी मिले। लेकिन 35 साल बाद भी पंचकूला प्यासा है। वहीं चंडीगढ़ में कजौली वाटर वक्र्स के फेज-5 के लिए कार्य चल रहा है।
जिस कारण शहर को मात्र 10 क्यूसिक पानी ही मिल रहा है जबकि इस समय औसतन कम है। छठे फेज का काम भी चल रहा है। और उसके पूरा होने पर 290 लाख गैलन पानी चंडीगढ़ को मिलेगा। तभी शहर को बकाया पानी मिलने की उम्मीद है।
गर्मियों में बढ़ रही पानी की मांग
शहर में गर्मियों के दिनों में पानी की मांग आए दिन बढ़ जाती है। पानी की मांग पूरी करने के लिए एच.एस.वी.पी. के करीब 220 ट्यूबवैल से काम चला रहा है। जो कि बिजली के गुल होने के कारण वे भी जवाब दे देते हैं।
कई पुराने होने के कारण खराब हो जाते हैं। जिसका भुगतान शहर के लोगों को प्यासा रह कर करना पड़ता है। कई बार लोगों को सारा दिन बिना पानी के बगैर रहना पड़ता है। वहीं लोगों के घरों की टंकियां सूखी पड़ी हैं।
6 माह कौशल्या डैम से भी होती है पानी की आपूर्ति
शहर को भाखड़ा नहर के अलावा 6 महीने कौशल्या डैम से भी पानी की आपूॢत होती है। इसके बावजूद शहर के लोगों को पानी आपूॢत पूरी नहीं हो रही है। शहर के अक्सर पानी के प्रशैर को लेकर लोगों की शिकायत बनी रहती है। विशेष रूप से गर्मियों के दिनों में पानी के बिना लोगों को संकट से गुजरना पड़ता है।
एच.एस.वी.पी. ने दो मंजिला के घर बनाने के नक्शे भी पास कर रखे हैं। इसके बावजूद लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा। पहली व दूसरी मंजिल पर रहने वाले लोगों पानी की फ्रैश सप्लाई के लिए तरस रहे हैं। एच.एस.वी.पी. के पास जमीनी पानी,यानी ट्यूबवैलों से पानी लेने की भी सीमा है।
नहरी पानी 35 सालों पहले तय कोटे के अनुसार भी नहीं मिल रहा है। डैम का पानी सारा साल मिलने की बात हुई थी लेकिन अभी तक शहर को 10 क्यूसिक पानी ही मिल रहा है। कोटे का 8 क्यूसिक पानी नहीं मिल रहा है जबकि जनसंख्या के अनुसार शहर में लोगों को 50 क्यूसिक पानी की जरूरत है।