60 हजार अलॉटियों को राहत

Edited By bhavita joshi,Updated: 06 Oct, 2018 09:07 AM

60 thousand alotis relief

चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) ने अपनी बोर्ड मीटिंग में नीड बेस चेंज के प्रस्ताव को अप्रूवल दे दी है, जिससे 60 हजार अलॉटियों को फायदा होगा।

चंडीगढ़ (राजिंद्र) : चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) ने अपनी बोर्ड मीटिंग में नीड बेस चेंज के प्रस्ताव को अप्रूवल दे दी है, जिससे 60 हजार अलॉटियों को फायदा होगा। सी.एच.बी. चेयरमैन अजोय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में एडीशनल कवरेज के लिए 200 प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से फीस तय की है, जबकि पहले इसे 500 रुपए करने का बोर्ड ने फैसला लिया था। इसके लिए प्रत्येक वायलेशन के लिए न्यूनतम 50 हजार रुपए फीस को घटाकर भी 20 हजार रुपए करने का फैसला लिया गया है। 

अब इस प्रस्ताव को नोटीफिकेशन के लिए यूटी प्रशासक के पास भेजा जाएगा और नोटीफिकेशन के बाद अलॉटी डिटेल के लिए इसे वैबसाइट पर चैक कर सकेंगे। चेयरमैन अजोय कुमार सिन्हा ने बताया कि अलॉटियों को ये बदलाव करने के लिए व्यक्तिगत रूप से परमिशन नहीं लेनी पड़ेगी। अलॉटी बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड क्वालीफाइड स्ट्रक्चरल इंजीनियर से ही बिल्डिंग डिजाइन बनाएं, ताकि मकानों में सुरक्षा के सभी पहलुओं का भी ध्यान रखा जा सके। शहर में 62 हजार में से 55 हजार मकानों में कई प्रकार की वायलेशन है।

एडीशनल कंस्ट्रक्शन को मंजूरी 
बोर्ड ने नीड बेस चेंज के अंदर आंगन और छतों में एडिशनल कंस्ट्रक्शन को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें एच.आई.जी., एम.आई.जी. कैटेगरी के लिए अलग-अगल एरिया तय किया गया है। इसमें कुल कंस्ट्रक्शन का 50 से 75 प्रतिशत तक फाइनल किया गया है। इसमें अधिकतम 150 स्क्वेयर फीट तक कंस्ट्रक्शन की जा सकती है। 

आगे-पीछे तीन फीट लंबी बॉलकनी निर्माण की अनुमति
बोर्ड ने अपार्टमैंट की लंबाई के हिसाब से आगे और पीछे 3 फीट की बॉलकनी की अनुमति दी है। ये अनुमति तभी ली सकती थी, जब बिल्डिंग में अपार्टमैंट के मालिक एक साथ इसके निर्माण के लिए राजी हों। इसके अलावा कार खड़ी करने के लिए बरामदे को कवर करने की भी इजाजत दी है। जिसमें स्टील पाइप फ्रेम और पॉलीकार्बोनेट शीटिंग के साथ बाऊंड्री वॉल के अंदर इसे कवर किया जाना है। इसके अतिरिक्त बरामदें में सुरक्षा के लिए शटर स्लाइडिंग ग्रिल की भी इजाजत दी गई है। 

बॉलकनी और बरामदे में ग्रिल लगाने की भी दी इजाजत 
बोर्ड ने बॉलकनी और बरामदों में आम डिजाइन के लिए ग्रिल लगाने की भी इजाजत दी है, जिसमें कि सभी प्रकार के मकान शामिल हंै। इसके लिए ड्राइंग पेमैंट करने के बाद बोर्ड की वैबसाइट से डाऊनलोड की जा सकती है। इसके अलावा बोर्ड ऑफिस से भी इसे लिया जा सकता है। इसमें बरामदों और बॉलकोनी के साइज के मुताबिक ही ग्रिल का डिजाइन तय किया जा सकता है। स्टैंडर्ड की जगह डिजाइन ग्रिल लगाने पर उसे नियमित करवाने के लिए अलॉटियों को 5 हजार रुपए प्रति बॉलकनी फीस का भी भुगतान करना पड़ेगा। 

ग्रीन बिल्डिंग के टैंडर को हरी झंडी  
बोर्ड ने सैक्टर-9 स्थित परिसर में सेवन स्टोरी ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण के टैंडर को भी अप्रूवल दे दी है। इसका काम अलॉट कर रखा है और एक माह के अंदर इसका काम शुरू होना है। 57.94 करोड़ रुपए की लागत से सी.एच.बी. परिसर में बी ब्लॉकबनना है।

रिवाइवल चार्जेज अब सिर्फ 2 प्रतिशत 
चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने प्रॉपर्टी के रिवाइवल चार्जेज में भारी कमी कर दी है। बोर्ड ने इसे घटाकर सिर्फ 2 प्रतिशत करने का फैसला लिया है। बोर्ड के इस फैसले से 2500 के करीब अलॉटियों को इससे राहत मिलेगी। बोर्ड द्वारा मिसयूज, बिल्डिंग वायलेशन, बकाया राशि का भुगतान न करने और तथ्यों को छिपाने पर फ्लैट की अलॉटमैंट कैंसिल कर दी जाती है और रिवाइवल चार्जेज का भुगतान करने के बाद ही अलॉटमैंट दोबारा बहाल की जाती है। 

इससे पहले बोर्ड द्वारा कैटेगरी के हिसाब से 20 से 50 प्रतिशत रिवाइवल चार्जेज चार्ज किए जाते थे, जोकि काफी अधिक थे। यही कारण है कि लोग इन चार्जेज को पिछले काफी लंबे समय से कम करने की मांग कर रहे थे। 

सरकारी भूमि पर अतिक्रमण वालों की खैर नहीं 
जिन लोगों ने सरकारी भूमि पर अतिरिक्त निर्माण करके कमरे, शौचालय, किचन और सीढिय़ां आदि बनाई हुई हैं, उनकी खैर नहीं है, क्योंकि बोर्ड ने इसे नियमित नहीं किया है। इस निर्माण को सिर्फ जमीन के मार्कीट रेट पर भुगतान करने के बाद ही नियमित करवाया जा सकेगा, जोकि काफी अधिक है और लोगों के लिए मुमकिन नहीं है, इसलिए ऐसे सभी निर्माण पर अब तलवार लटक गई है। ई.डब्ल्यू.एस. कैटेगिरी के मकानों में ही लोगों ने इस तरह का निर्माण किया हुआ है।

मेन गेट की चौड़ाई 12 फीट कर सकेंगे
इसके अंदर मेन गेट की चौड़ाई 12 फीट तक बढ़ाई जा सकेगी, जबकि इसकी उंचाई 6 फीट तय की जा सकती है। इसके अलावा सिक्योरिटी पर्पज के लिए बाऊंड्री वॉल के अंदर ग्रिल भी लगाई जा सकेंगी, ताकि इसका ऊपरी हिस्सा गेट के टॉप तक मैच कर सकें। पीछे की बाऊंड्री वॉल में ग्रिल साढ़े 7 फीट की उंचाई तक लगाई जा सकेंगी। 

डिश एंटिना और सोलर सिस्टम 
इसके अलावा मकानों में टैंक, सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम और डिस एंटेना के लिए छत पर कुछ साइज का कट आऊट किया जा सकेगा, जिसे फ्लैप डोर से कवर करना होगा। इसमें अन्य किसी तरह की वायलेशन की गुंजाइश नहीं होगी। इसके अलावा मकान में अतिरिक्त दरवाजे निकालने की भी कुछ शर्तों के साथ अनुमति दे दी गई है। इसके साथ ही कुछ फीस के साथ साइड बाऊंड्री वॉल से फ्रंट बाऊंड्री वॉल में गेट निकालने की भी परमिशन दी गई है। प्लान अप्रूव कमेटी द्वारा अप्रूव डिजाइन के मुताबिक ही लिफ्ट लगाई जा सकेंगी।

फैडरेशन की मांग, नियमों में बदलाव करके लोगों को दी जाए राहत  
सी.एच.बी. रैजीडैंट्स वैलफेयर फैडरेशन के चेयरमैन निर्मल दत्त ने इस संबंध में कहा कि अधिकारियों का काम नियमों की रक्षा करना होता है लेकिन अधिकारियों की इस टीम ने नियमों को खींचकर लोगों को राहत दी है, लेकिन ये राहत पूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी राहत के लिए नियमों को खींचने की जगह बदलना होगा और इसके लिए आने वाले महीनों में फैडरेशन एक लाख के करीब लोगों को इकट्ठा करेगी और सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को उनके वायदे के मुताबिक वहां बुलाएगी, ताकि मिलकर नियमों को बदलवाया जा सके और लोगों को पूरी राहत मिल सके। 

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