6 वर्षों से प्रदेश में मलेरिया से नहीं हुई किसी की मौत: विज

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 12 Jul, 2022 08:17 PM

7 districts achieve  zero indigenous case status  during the year 2021

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि मलेरिया को समाप्त करने की दिशा में राज्य के 7 जिलों को वर्ष 2021 के दौरान ‘जीरो इंडीजीनियस केस स्टेटस’ प्राप्त हुआ है, अर्थात राज्य के इन 7 जिलों में रहने वाले हरियाणा के निवासियों में...

चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि मलेरिया को समाप्त करने की दिशा में राज्य के 7 जिलों को वर्ष 2021 के दौरान ‘जीरो इंडीजीनियस केस स्टेटस’ प्राप्त हुआ है, अर्थात राज्य के इन 7 जिलों में रहने वाले हरियाणा के निवासियों में मलेरिया बीमारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से अब तक राज्य में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु भी मलेरिया से नहीं हुई है। विज ने कहा कि राज्य में वेक्टरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में फॉङ्क्षगग करवाई जाएगी और राज्य में मलेरिया व डेंगू के मरीजों की सुविधा के लिए नागरिक अस्पतालों में डेडीकेटिड वार्ड व बैड भी आरक्षित रखे जाएंगे।

 


विज आज यहां राष्ट्रीय वेक्टरजनित बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम हरियाणा के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा से मलेरिया को समाप्त करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं, जिसके तहत वर्ष 2021 के दौरान 7 जिलों अम्बाला, भिवानी, जींद, कैथल, रोहतक, करनाल, कुरुक्षेत्र को ‘जीरो इंडीजीनियस केस स्टेटस’ प्राप्त हुआ है। इसके अलावा वर्ष 2019 से लगातार कैथल जिले को ‘जीरो इंडीजीनियस केस स्टेटस’ और पिछले दो वर्षों से अम्बाला व जींद को ‘जीरो इंडीजीनियस केस स्टेटस’ प्राप्त हुआ है।
 

 

राज्य के 331 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों ने ‘जीरो इंडीजीनियस केस स्टेटस’ किया हासिल 
बैठक के दौरान मंत्री को अवगत करवाया गया कि वर्ष 2021 के दौरान राज्य के 331 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों ने भी ‘जीरो इंडीजीनियस केस स्टेटस’ हासिल किया है। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष 8 जुलाई तक मलेरिया के केवल 5 मामलेे आए हैं, जबकि पिछले वर्ष 8 जुलाई तक मलेरिया के 10 मामले थे, अर्थात मलेरिया का प्रकोप नीचे जा रहा है। बैठक के दौरान 31 मार्च 2024 तक चार वेक्टरजनित बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी बुखार को अधिसूचित किया गया है और सभी सार्वजनिक/निजी अस्पतालों व प्रयोगशालाओं द्वारा इसकी जानकारी राज्य को देनी होगी।
 

 

केंद्र सरकार ने की मलेरिया मुक्त मेवात अभियान की प्रशंसा 
विज को अवगत करवाया गया कि मलेरिया मुक्त मेवात अभियान की शुरूआत 4 सितम्बर 2019 को हुई थी। इसके बाद 1 अप्रैल 2021 को इसके दूसरे अभियान की शुरूआत की गई, जिसके तहत व्यापक स्तर पर स्क्रीङ्क्षनग की गई। बैठक में बताया गया कि पहले अभियान के तहत उजीना, सुडाका, बाई और नूंह जैसे हाई रिस्क क्षेत्रों में 1.34 लाख लोगों की स्क्रीङ्क्षनग की गई, जिसमें 252 मलेरिया के पॉजीटिव मामले पाए गए। इस अभियान की केंद्र सरकार द्वारा भी प्रशंसा की गई है। 
 

 

27 डेंगू टैसिं्टग लैब संचालित, 5 जिलों में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की सुविधा उपलब्ध 
बैठक के दौरान डेंगू बीमारी के संबंध में अवगत करवाया गया कि राज्य में 27 डेंगू टैसिं्टग लैब संचालित हैं, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक लैब स्थापित की गई है। इसके अलावा निजी अस्पतालों व लैब को डेंगू टैस्ट के लिए अधिकतम 600 रुपए लेने के लिए सीमित किया गया है। बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य के नागरिक अस्पतालों में भर्ती डेंगू के मरीजों के लिए सिंगल डोनर प्लेटलेट्स नि:शुल्क उपलब्ध करवाने का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2021 के दौरान 131 डेंगू मरीजों को सिंगल डोनर प्लेटलेट्स नि:शुल्क उपलब्ध करवाए गए, जबकि इससे पिछले वर्षों में 8500 रुपए प्रति यूनिट शुल्क लिया जाता था। बैठक में यह भी बताया गया कि आपात स्थिति के दौरान नागरिक अस्पतालों में भर्ती डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों हेतु निजी अस्पतालों से सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की व्यवस्था की जाती है तो 11 हजार रुपए की प्रतिपूॢत सरकार द्वारा की जाती है। बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य के 5 जिलों पंचकूला, गुरुग्राम, रोहतक, करनाल व सोनीपत में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की सरकारी अफेरेसिस सुविधा उपलब्ध है, जिन्हें सभी जिलों के साथ मैप किया गया है। 
 

 

प्रदेश के 7169 तालाबों व जोहड़ों में गंबूजिया मछलियों को छोड़ा 
उन्होंने कहा कि बुखार की जांच, मच्छर के लारवा की उत्पत्ति इत्यादि गतिविधियों की घर-घर जाकर टीमों द्वारा जांच की जा रही है। इसके अतिरिक्त लारवा को समाप्त करने के लिए राज्य में 112 फिश हेचरी संचालित हैं, जिसके अंतर्गत 7169 तालाबों व जोहड़ों में गंबूजिया मछलियों को छोड़ा गया है, जो लारवा को खा जाती है। बैठक में राष्ट्रीय वेक्टरजनित बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम हरियाणा की वाॢषक रिपोर्ट 2021 को भी विज ने जारी किया।

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