हरियाणा सरकार ने एम.बी.बी.एस. बॉन्ड नीति में कई अहम बदलाव किए

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 30 Nov, 2022 09:44 PM

7 years bond agreement time limit reduced to 5 years

हरियाणा सरकार ने एम.बी.बी.एस. बॉन्ड मामले में कई अहम बदलाव किए हैं। यह सभी बदलाव एम.बी.बी.एस. छात्रों की मांगों को ध्यान में रखकर उनके साथ बातचीत के बाद किए हैं। नए बदलावों के बाद जहां एक ओर सरकार ने सात साल के बॉन्ड एग्रीमैंट की समयसीमा घटाकर 5...

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा सरकार ने एम.बी.बी.एस. बॉन्ड मामले में कई अहम बदलाव किए हैं। यह सभी बदलाव एम.बी.बी.एस. छात्रों की मांगों को ध्यान में रखकर उनके साथ बातचीत के बाद किए हैं। नए बदलावों के बाद जहां एक ओर सरकार ने सात साल के बॉन्ड एग्रीमैंट की समयसीमा घटाकर 5 वर्ष कर दी है, वहीं इस 5 वर्ष में पी.जी. की पढ़ाई को भी शामिल किया है। यानी एक तरह से अब बॉन्ड की समयसीमा दो साल होगी। इसके साथ ही बॉन्ड राशि को जो पहले 40 लाख थी, उसे घटाकर 30 लाख कर दिया है। इसमें से यदि फीस घटा दी जाए तो यह राशि करीब 25 लाख होगी। साथ ही लड़कियों के लिए इसमें 10 फीसदी की छूट का निर्णय भी लिया गया है। इस राशि में संस्थान की फीस शामिल नहीं है। इसके साथ ही यह भी फैसला लिया गया है की यदि एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई कर रहे किसी छात्र के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो उसका परिवार बॉन्ड राशि भरने के लिए बाध्य नहीं होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बैठक के बाद ये बदलाव करने के निर्देश दिए। 

 


सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि पढ़ाई के बाद एक साल के भीतर एम.बी.बी.एस. छात्र को सरकारी नौकरी (अनुबंधित) दी जाएगी। इसके साथ ही यदि कोई छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राइवेट नौकरी करता है और उसका वेतन सरकार द्वारा मैडीकल ऑफिसर को दिए जा रहे वेतन से कम है तो उसे तब तक बॉन्ड की राशि नहीं देनी होगी, जब तक उसका वेतन मैडीकल ऑफिसर के वेतन के बराबर या उससे ज्यादा नहीं होता। ऐसी स्थिति में सरकार उसे अनुबंधित नौकरी ऑफर करेगी। 

 

 


गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने चिरायु, आयुष्मान भारत और निरोगी हरियाणा जैसी अनेक योजनाएं चलाई हैं, जो प्रदेश के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। साथ ही हरियाणा में सभी जिलों में मैडीकल कालेज बनाए जा रहे हैं और सरकारी अस्पताल खोले जा रहे हैं जिसकी वजह से सरकार को आने वाले समय में काफी संख्या में डाक्टरों की जरूरत पड़ेगी। 
 

 

 

भविष्य में एम.बी.बी.एस. सीटें बढ़ाई जाएंगी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति, विशेषकर जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले इसी ध्येय के साथ राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में मैडीकल कालेज, डैंटल कालेज, होम्योपैथिक कालेज व नॄसग कालेज इत्यादि की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2014 में प्रदेश में 7 मैडीकल कालेज थे और एम.बी.बी.एस. सीटें केवल 700 थी। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 6 कॉलेज खोले गए और आज एम.बी.बी.एस. सीटों की संख्या बढ़कर 1735 हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की हर जिले में मैडीकल कालेज खोलने की योजना है। कई जिलों में मैडीकल कालेज बन रहे हैं। इन मैडीकल कालेजों का निर्माण कार्य पूरा होते ही एम.बी.बी.एस. के लिए 3000 छात्रों के दाखिले किए जाएंगे। सरकार ने एम.बी.बी.एस. सीटें बढ़ाई हैं और भविष्य में भी इन सीटों को बढ़ाया जाएगा ताकि डाक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 1000 की जनसंख्या के ऊपर एक डाक्टर की तैनाती के लक्ष्य को पूरा किया जाए। यह मापदंड विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित किया गया है।
 

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