Edited By bhavita joshi,Updated: 24 Dec, 2018 09:00 AM
पैसे जमा कराने आए लोगों से बैंकों के बाहर असली नोट लेकर रूमाल में कागज के बंडल देकर ठगी करने वाले गिरोह के 8 सदस्यों को पुलिस ने सैक्टर-17 से गिरफ्तार कर लिया।
चंडीगढ़(सुशील): पैसे जमा कराने आए लोगों से बैंकों के बाहर असली नोट लेकर रूमाल में कागज के बंडल देकर ठगी करने वाले गिरोह के 8 सदस्यों को पुलिस ने सैक्टर-17 से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान डड्डूमाजरा निवासी मुकेश कुमार महतो, शत्रुघ्न महतो, कविंद्र कुमार, उपेंद्र कुमार और मोहाली के कपिल देव महतो, केवल साहनी, सुदेश महतो और संजीव कुमार के रूप में हुई।
पुलिस ने ठगी के चार केस सॉल्व करने का दावा किया है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए गिरोह के सभी सदस्य मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। आरोपी चंडीगढ़ के साथ-साथ मुंबई, बैंगलूरू, कोलकाता और दिल्ली में भी वारदात को अंजाम दे चुके हैं। सैक्टर-17 थाना पुलिस ने सभी को रविवार को जिला अदालत में पेश किया, जहां से अदालत ने उन्हें एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
गिरोह के सदस्य सैक्टर-17 के अलग-अलग बैंकों के बाहर खड़े हो जाते थे। वे बैंक में आने वाले लोगों पर नजर रखते थे। जिन लोगों को फार्म भरना नहीं आता था, उनको अपना शिकार बनाते थे। वे यहां पैसे जमा कराने आए लोगों को अपनी जल्दबाजी का झांसा दे पैसे बदलने की एवज में अधिक रकम देने की बात कहते थे। आरोपी नोटों के बंडल में दो-तीन नोट असली लगाते और बाकी कागज होते थे। लोगों से पैसे लेकर वे रूमाल में बंधे नकली नोट का बंडल उन्हें देकर फरार हो जाते थे।
ठगी की रकम परिजनों के खाते में करवा देते थे जमा
सैक्टर-17 थाना प्रभारी जसपाल सिंह को सूचना मिली कि बैंकों के बाहर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य सैक्टर-17 में वारदात को अंजाम देने के लिए घूम रहे हैं। ठगों को पकडऩे के लिए स्पैशल टीम बनाकर बैंक स्क्वेयर में तैनात की गई और गिरोह के दो सदस्यों को दबोच लिया। पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने एक-एक कर गिरोह के कुल 8 सदस्य काबू कर लिए। पूछताछ में मुकेश कुमार महतो ने बताया कि उनके गिरोह ने सैक्टर-17 में चार वारदातों को अंजाम दिया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ठगी की रकम आपस में बांट लेते थे और बिहार में रहने वाले अपने-अपने परिजनों के अकाऊंट में जमा करवा देते थे। आरोपियों ने परिजनों का बता रखा कि वे फैक्टरी में काम करते हैं।