जागरूक होने के बावजूद स्तन कैंसर की जांच से हिचकिचाती हैं 85 प्रतिशत महिलाएं

Edited By bhavita joshi,Updated: 23 Oct, 2018 10:53 AM

85 of women are hesitant to investigate breast cancer

एक प्राइवेट कंपनी की ओर से चंडीगढ़ व कुछ अन्य शहरों में कराए गए ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनैस सर्वे के मुताबिक 72 प्रतिशत औरतों को ब्रैस्ट कैंसर के बारे पूरी तरह पता है।

चंडीगढ़ (साजन) : एक प्राइवेट कंपनी की ओर से चंडीगढ़ व कुछ अन्य शहरों में कराए गए ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनैस सर्वे के मुताबिक 72 प्रतिशत औरतों को ब्रैस्ट कैंसर के बारे पूरी तरह पता है। 53 प्रतिशत महिलाओं का दावा है कि उन्हें देश में ब्रैस्ट कैंसर के इंसीडैंस के बारे बखूबी मालूम है। दो में से एक महिला का मानना है कि उन्हें ब्रैस्ट कैंसर का रिस्क है। यह सर्वे 2225 महिलाओं में दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, लखनऊ, भोपाल और चंडीगढ़ में किया गया। 

सर्वे के मुताबिक 67 प्रतिशत महिलाएं ही ब्रैस्ट कैंसर के प्रति जागरूक हैं। 42 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क है। 70 प्रतिशत महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर के ट्रीटमैंट ऑप्शंस और 67 प्रतिशत महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर के ट्रीटमैंट की कॉस्ट के बारे में मालूम नहीं है। 60 प्रतिशत महिलाएं ब्रैस्ट कैंसर को अपने परिवार व दोस्तों के साथ डिसकस करने से घबराती हैं। 

अधिकतर महिलाओं ने माना-जांच कराने की जरूरत नहीं
वहीं, ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनैस सर्वे के परिणामों के अनुसार सर्वे में हिस्सा लेने वाली महिलाओं की एक बड़ी संख्या का यह मानना है कि उन्हें जांच कराने की जरूरत नहीं है, जबकि एक महत्वपूर्ण संख्या ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें स्तन कैंसर के लिए स्क्रीनिंग टैस्ट की मौजूदगी के बारे में पता ही नहीं है। इसके अलावा महिलाओं ने यह भी बताया कि उन्हें जांच के लिए जाने में आलस लगता है या फिर उन्हें यह लगता है कि इस बीमारी के लिए जांच कराने के लिए अभी उनकी उम्र बहुत कम है। 71 प्रतिशत महिलाओं को यह पता है कि उन्हें स्तन कैंसर के लिए नियमित रूप से जांच कराना जरूरी है। वहीं, 21 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी के लिए जांच करा चुकी हैं। लगभग 79 प्रतिशत महिलाएं जानकारी न होने या लापरवाही के कारण स्तन कैंसर के लिए जांच कराने नहीं गईं। 

किस उम्र में होनी चाहिए जांच, नहीं मालूम
 सर्वे में हिस्सा लेने वाली आधी से अधिक महिलाओं को इस बात की जानकारी नहीं है कि इस बिमारी के लिए नियमित जांच या परीक्षण किस उम्र में कराना शुरु कर देना चाहिये। सर्वे में यह भी सामने आया है कि हर 3 में 2 महिलाओं को शुरुआती चरण में ही इस बीमारी की पहचान करने के लिए खुद से की जाने वाली आसान जांच के बारे में पता नहीं है। सर्वे में हिस्सा लेने वाली 71 प्रतिशत महिलाओं ने स्तन कैंसर के लिए होने वाली जांच मैमोग्राफी के बारे में नहीं सुना है। वहीं, 80 प्रतिशत महिलाओं को क्लीनिकल स्तन परीक्षण के बारे जरा भी जानकारी नहीं है। 

अधिकतर महिलाओं को सिर्फ इलाज के लिए कीमोथैरेपी के बारे में ही जानकारी है। सर्वे में यह भी सामने आया कि लगभग 9 महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं या फिर पीड़ित रह चुकी हैं। स्तन कैंसर से जूझने वाली अधिकतम महिलाओं ने स्तन में दर्द या तकलीफ होने, स्तन के आकार में बदलाव और गांठ बनने जैसी स्थितियों को 3 सबसे आम संकेत बताया है। भारतीय महिलाओं को स्तन कैंसर के इलाज में होने वाली खर्च की कितनी जानकारी है। वैसे तो इस बीमारी का इलाज खर्च 2.5 लाख से 20 लाख तक हो सकता है, लेकिन लगभग 52 प्रतिशत महिलाओं को यह लगता था कि इस इलाज में 2 लाख रुपए से कम खर्च होता है। 

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