ए.बी.वी.पी.-एस.एफ.एस. के धरने से मचा बवाल, पुलिस ने संभाला

Edited By pooja verma,Updated: 07 Jan, 2020 12:14 PM

abvp sfs ruckus caused by the strike police handled

गत दिन जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जे.एन.यू.) में हुई घटना के विरोध में सोमवार को पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में कई छात्र संगठनों ने विरोध जताया

चंडीगढ़ (रश्मि): गत दिन जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जे.एन.यू.) में हुई घटना के विरोध में सोमवार को पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में कई छात्र संगठनों ने विरोध जताया। इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौजूद था। ए.बी.वी.पी. ने लैफ्ट अटैक जे.एन.यू...,चाइना वॉयलैंस, क्यूबा वॉयलैंस, केरला वॉयलेंस और जे.एन.यू. वॉयलैंस जैसे हाथों स्लोगन में लेकर संदेश दिया कि यहां पर जो हिंसा हो रही है वह लैफ्ट की विचारधारा के तहत हो रही है। 

जे.एन.यू. दिल्ली में वामपंथी गुंडों द्वारा कथित तौर पर ए.बी.वी.पी. कार्यकर्ताओं व स्टूडैंट्स पर की गई क्रूर हिंसा के खिलाफ ए.बी.वी.पी. पंजाब यूनिवर्सिटी ईकाई ने विरोध प्रदर्शन किया। ए.बी.वी.पी. इकाई अध्यक्ष हरीश गुज्जर ने ए.बी.वी.पी. के सदस्यों पर वामपंथी छात्र संगठनों एस.एफ.आई. आईसा और अन्य छात्र संघ जुड़े कई छात्रों ने क्रूरता से हमला किया है। 

 

जिसमें ए.बी.वी.पी. 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हॉस्टल में ए.बी.वी.पी. के कई सदस्यों पर हमले हो रहे हैं। हॉस्टलों में तोडफ़ोड़ की जा रही है। ए.बी.वी.पी. के छात्रों और जे.एन.यू. के कार्यकर्ताओं पर गुंडों द्वारा बेरहमी से हमला किया। उन्होंने छात्रों से हिंसा और नफरत फैलाने वाली इन ताकतों के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया।


धरने में खलल डालने पर ए.बी.वी.पी. ने डी.एस.डब्ल्यू. को दी शिकायत 
एस.एफ.एस. के धरने प्रर्दशन को लेकर ए.बी.वी.पी. के स्टूडैंट्स ने डी.एस.डब्ल्यू. में शिकायत देने गए, लेकिन पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोक लिया, ताकि हंगामे की स्थिति न बने। हालांकि बाद में ए.बी.वी.पी. ने डी.एस.डब्ल्यू. को धरने में खलल न डालने को लेकर शिकायत दी है। ए.बी.वी.पी. के परविंद्र सिंह ने कहा कि हमने रविवार को ही फैसला लिया था कि जे.एन.यू. के मुद्दे पर सोमवर को स्टूडैंट्स सैंटर पर धरना देंगे। 

 

लेकिन एस.एफ.एस. से जुड़े स्टूडैंट्स ने अपना धरना रखा और धरने का समय भी 1 बजे का रखा। इससे हमारे धरने में खलल पड़ा। डी.एस.डब्ल्यू. से यह शिकायत कर दी है कि जब हम किसी के धरने या रोष-प्रदर्शन में खलल नहीं डालते तो हमारे धरने में खलल क्यों डाला जा रहा है।

 

‘हिटलर की चाल चलने वाला हिटलर की मौत मरेगा’ के लगे नारे
जो हिटलर की चाल चलेगा, वो हिटलर की मौत मरेगा। हमें यह याद करने की जरूरत है, कि हिटलर किस तरह से मरा था। यह नारे स्टूडैंट्स फॉर सोसायटी (एस.एफ.एस.) ने पी.यू. स्टूडैंट सैंटर पर लगाए। इस दौरान भारी पुलिस कर्मियों की तैनाती में एस.एफ.एस. और ए.बी.वी.पी. ने धरना दिया। एस.एफ.एस. के नेता हरमन ने कहा कि 1947 के बंटवारे के बाद  से यह लड़ाई जारी है। 

 

30 सालों से लगातार मुस्लिमों पर हमला हो रहा है। बाबरी मस्जिद गिराने का फैसला आया तो वह बाहर नहीं निकले। 370 हटाया गया तब वे लोग सड़कों पर नहीं आए। मुस्लिमों को भी आगे देना चाहिए। वहीं हमें संवाद नहीं करने दिया जा रहा है। एस.एफ.एस. कार्यकर्ताओं ने हाथों में ए.बी.वी.पी. के विरोधी पोस्टर लेकर धरना दिया। 

 

जे.एन.यू. छात्रों पर हमला निंदनीय
ए.बी.वी.पी. के पूर्व केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य हरमनजोत सिंह गिल ने कहा कि ए.बी.वी.पी. से जुड़े जे.एन.यू. के छात्रों पर बर्बरतापूर्वक हमला किया गया। ए.बी.वी.पी. से पूर्व और वर्तमान में चुनाव लड़ चुके कार्यकर्ताओं को बेरहमी से चोटिल किया गया। ये वही वामपंथी लोग हैं, जिन्होंने पी.यू. के अंदर पथराव कर बिल्डिंग को तोडऩे के प्रयास किए गए। 

 

ए.बी.वी.पी. पी.यू. की सचिव प्रिया शर्मा ने बताया कि अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगड़ गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उनके हाथ में फ्रैक्चर हो गया है। कई छात्रों के सिर पर चोटें आई हैं और कई छात्र अभी भी लापता हैं। वहीं एन.एस.यू.आई. ने ए.बी.वी.पी.-आर.एस.एस. का विरोध किया। आम आदमी पार्टी (सी.वाई.एस.एस.) चंडीगढ़ के इंचार्ज रेशम सिंह गोदरा ने विरोध जताया। पुसू ने भी घटना की कड़ी निंदा की।

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