Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Apr, 2018 11:49 AM
शहर का मध्यमार्ग जानलेवा सड़क हादसों के लिहाज से काफी खतरनाक है।
चंडीगढ़(संदीप) : शहर का मध्यमार्ग जानलेवा सड़क हादसों के लिहाज से काफी खतरनाक है। पिछले कुछ साल के आंकड़ों पर गौर करें तो मध्यमार्ग में ऐसे 5 लाइट प्वाइंट्स हैं जिन पर काफी ज्यादा जानलेवा सड़क हादसे हुए हैं। 5 सालों के दौरान मध्यमार्ग पर करीब 154 जानलेवा हुए हादसों में 167 लोगों की जान जा चुकी है।
वहीं इस मार्ग पर ट्रांसपोर्ट से लेकर रेलवे लाइट प्वाइंट तक का करीब एक किलोमीटर का सफर है काफी जोखिम भरा है। पुलिस विभाग की मानें तो यहां पर फ्लाईओवर बनने से ही हादसों पर अंकुश लग पाएगा। इस संबधी पुलिस कई बार प्रशासन को भी लिख चुकी है पर प्रशासन की तरफ से ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई है।
ट्रैफिक पुलिस घोषित कर चुकी है एक्सीडैंट प्रोन प्वाइंट :
ट्रैफिक पुलिस का एक्सिडैंट अनालसिस सैल स्डटी करने के बाद उन प्वाइंट्स को एक्सिडैंट प्रोन प्वांइट घोषित कर चुका है जिन पर बार-बार जानलेवा हादसे पेश आते हैं। स्टडी के आधार पर ट्रैफिक पुलिस ने मध्यमार्ग पर 5 प्वाइंट्स को एक्सिडैंट प्रोन प्वाइंट घोषित कर रखा है। इसमें कलाग्राम, रेलवे, ट्रांस्पोट, प्रैस लाइट प्वाइंट शामिल है। इसके अलावा पी.जी.आई. के सामने वाला मोड़ भी इस लिस्ट में शामिल है।
सुबह-शाम व्हीकल्स का अधिक फ्लो हादसों का मुख्य कारण :
मध्यमार्ग पंचकूला और हिमाचल से आने वाले वाहनों के लिए शहर में प्रवेश करने का सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है। पंचकूला में रहने वाले अधिकतर कर्मचारी या व्यापारी चंडीगढ़ में ही नौकरी या कारोबार करने आते हैं। इस कारण यहां सुबह और शाम वाहनों की काफी आवाजाही रहती है।
यही कारण है कि इस मार्ग पर सबसे अधिक जानलेवा हादसे पेश आते हैं। वहीं जब इस विषय में बात करने के लिए एस.एस.पी. ट्रैफिक शशांक से बात करने के लिए उन्हें कॉल की गई और मैसेज भेजा तो उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
5 साल में 117 लोग बने काल के ग्रास :
पूरे मध्यमार्ग पर हाऊसिंग बोर्ड लाइट प्वाइंट से लेकर ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट का केवल 2 किलोमीटर का सफर ही इसे मध्यमार्ग को शहर का संवेदनशील मार्ग बनाए है। इस 2 किलोमीटर के सफर पर पिछले 5 साल का रिकार्ड देंखे तो पता चलता है कि 5 साल में यह 2 किलोमीटर का सफर शहर के करीब 117 लोगों की जान लील चुका है। औसतन इस 2 किलोमीटर के बीच हर साल 20 से 25 लोगों की जान हादसे में चली जाती है।
दो किलो मीटर का सफर जोखिम भरा :
आकंड़े बताते हैं कि शहर में ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट से लेकर हाऊसिंग बोर्ड लाइट प्वाइंट तक का 2 किलोमीटर का सफर बेहद जोखिम भरा है। पिछले साल इन तीनों लाइट प्वाइंट की बात करें तो यहा 17 जानलेवा सड़क हादसे हुए है जिनमें करीब 20 की जान गई है।
इनमें रेलवे लाइट प्वाइंट पर 6, ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट पर 6 और कलाग्राम लाइट प्वाइंट पर 5 जानलेवा हादसे हुए थे। पूरे शहर में इसी 2 किलोमीटर के सफर पर सबसे अधिक जानलेवा सड़क हादसे होते हैं। वही इसी मार्ग पर प्रैस लाइट प्वाइंट पर 5 जानलेवा हादसे हुए थे। जबकि इस साल अभी तक ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट पर 1 और कलाग्राम लाइट प्वाइंट पर 1 जानलेवा हादसा हो चुका है।