Edited By bhavita joshi,Updated: 18 Jan, 2019 12:33 PM
बीती रात डेराबस्सी थाने में मुंशी काले खान द्वारा ट्रैफिक इंचार्ज लखविन्दर सिंह लक्खा की गोली मार कर हत्या करने के आरोप में ए.एस.आई. प्रवीण कौर के बयान पर मुंशी खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
डेराबस्सी(गुरप्रीत): बीती रात डेराबस्सी थाने में मुंशी काले खान द्वारा ट्रैफिक इंचार्ज लखविन्दर सिंह लक्खा की गोली मार कर हत्या करने के आरोप में ए.एस.आई. प्रवीण कौर के बयान पर मुंशी खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी मुंशी को आज अदालत में पेश कर 5 दिनों का पुलिस रिमांड मांगा गया था, जिस पर अदालत ने उसे 2 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
दोपहर पुलिस ने ट्रैफिक इंचार्ज की लाश का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों हवाले कर दिया। जिस सरकारी राइफल के साथ गोली मार कर हत्या की गई है, उसमे एक और गोली फंसी हुई मिली है, जिसको देख कर लगता है कि एक फायर और करने की कोशिश की गई थी। पेशी दौरान आरोपी ने बताया कि उसके हाथों गलत व्यक्ति मर गया है, उसने गोली हवलदार लेखराज को मारने के लिए लेखे (हवलदार लेखराज) को आवाज मारी ही थी। अचानक थाने की बिजली बंद हुई और गोली ट्रैफिक इंचार्ज को लग गई।
आरोप लगाया कि लेखराज ने उसके साथ मारपीट करते उसे जाति सूचक शब्द बोलते हुए कहा कि मुसलमान 7 शादियां करते हैं। इसके बाद उसे गुस्सा आ गया और गलती से गोली लखविन्दर सिंह को लग गई। सरकारी अस्पताल डेराबस्सी की डा. अनु, डा. डिकसी और डा. प्रीत मोहन ने सांझे तौर पर ट्रैफिक इंचार्ज की लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद बताया कि गोली गर्दन में लग कर पीठ से बाहर निकल गई। ज्यादा खून बहने से मौत हो गई। गोली लगने के बाद ट्रैफिक इंचार्ज मौके पर ही गिर गया था, जहां काफी मात्रा में खून पड़ा था। पुलिस मुलाजिम ट्रैफिक इंचार्ज को जख्मी हालत में सरकारी अस्पताल लेकर गए थे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया।
थाने में एक पुलिस अधिकारी की हत्या का मामला सामने आने पर लोगों में दहशत का माहौल पाया जा रहा है। यदि पुलिस अधिकारियों का अपने थानों पर ही कंट्रोल नहीं तो वह शहर में अमन शांति कैसे कायम रख सकेंगे। नाइट मुंशी के हवाले सारा थाना और शहर को संभालने की जिम्मेवारी होती है, यदि वही मुंशी नशे की हालत में ड्यूटी पर तैनात हो तो शहर निवासियों का तो फिर भगवान ही रक्षक है।