भूजल स्तर के आधार पर जोन में बांटे हरियाणा के 7287 गांव

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 01 Aug, 2022 09:34 PM

action will be taken against those digging tubewells fine will be imposed

हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने भूजल स्तर के आधार पर प्रदेश के गांव जोन में बांट दिए हैं। रैड जोन में सबसे खतरनाक भूजल स्तर वाले गांव शामिल किए गए हैं। पिंक जोन में खराब भूजल स्तर वाले गांव रखे गए हैं। लाइट ग्रीन जोन में संभावित खराब जोन वाले गांव...

चंडीगढ़,(अर्चना सेठी): हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने भूजल स्तर के आधार पर प्रदेश के गांव जोन में बांट दिए हैं। रैड जोन में सबसे खतरनाक भूजल स्तर वाले गांव शामिल किए गए हैं। पिंक जोन में खराब भूजल स्तर वाले गांव रखे गए हैं। लाइट ग्रीन जोन में संभावित खराब जोन वाले गांव हैं। ग्रीन जोन में बढिय़ा भूजल स्तर वाले गांवों को जोड़ा गया है। येलो जोन में जलभराव वाले बफर जोन जोड़े गए हैं। पर्पल जोन में संभावित जलभराव वाले गांव हैं जबकि ब्लू जोन में बुरी तरह से जलभराव से भरे गांव रखे गए हैं। प्राधिकरण ने गांव और ब्लॉक्स का जोन में विभाजन करने के साथ ही यह भी निर्देश जारी कर दिए हैं कि खराब भूजल स्तर वाले जोन में प्राधिकरण से अनुमति के बगैर टयूबवैल बनाने और बोरिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रैड और पिंक जोन वाले गांवों में अगर कोई भी इंडस्ट्री अनुमति हासिल किए बगैर बोरिंग करती है तो प्राधिकरण उस पर जुर्माना भी लगाएगा।
विभिन्न जोन के आंकड़े यह कहते हैं

 


हरियाणा सिंचाई विभाग के मुताबिक रैड जोन में भूजल स्तर गहराई 30.01 मीटर से ज्यादा नीचे चली गई है। पिंक जोन में 20.01 मीटर से ज्यादा, लाइट ग्रीन जोन में 10.01 मीटर से अधिक, ग्रीन जोन में 5.01 मीटर तक, येलो जोन में 3.01 मीटर, पर्पल जोन में 1.51 मीटर तक, ब्लू जोन में 0.0 मीटर से 1.5 मीटर तक भूजल स्तर रखा गया है। आंकड़ों की मानें तो प्रदेश के 1948 गांव रैड जोन, 1093 गांव पिंक जोन, 1903 गांव लाइट ग्रीन जोन, 1304 गांव ग्रीन जोन, 618 गांव यैलो जोन, 333 गांव पर्पल जोन, 88 गांव ब्लू जोन में हैं। भूजल स्तर के अधार पर विभिन्न जोन में शामिल किए गए कुल 7287 गांवों में से 5111 गांव ऐसे हैं, जहां का भूजल स्तर साल में एक मीटर कम हो गया है। 953 गांवों का भूजल स्तर साल में दो मीटर कम पाया गया है जबकि 86 गांवों का भूजल स्तर साल में दो मीटर से भी ज्यादा कम मिला है। एक साल में एक मीटर तक भूजल स्तर गिरने वाले क्षेत्र में रैड जोन के 1010 गांव, पिंक जोन के 936, लाइट ग्रीन के 1677 गांव, ग्रीन जोन के 1029 गांव, येलो जोन के 330 गांव, पर्पल जोन के 116 गांव, ब्लू जोन के 13 गांव हैं, दो मीटर तक जिन जगहों का भूजल स्तर गिरा है उनमें रैड जोन के  825  गांव, पिंक जोन के 110, लाइट ग्रीन के 18, ग्रीन जोन के 00 गांव, येलो जोन के 00 गांव, पर्पल जोन के 00 गांव, ब्लू जोन के 00 गांव हैं, जबकि दो मीटर से ज्यादा भूजल स्तर गिरने वाली जगहों में रैड जोन के सिर्फ 86 गांव पाए गए हैं। आंकड़े कहते हैं कि प्रदेश के 1079 गांव ऐसे भी हैं जहां का भूजल स्तर साल भर में 0.01 मीटर तक बढ़ा हुआ मिला है। इनमें रैड जोन के 24 गांव, पिंक जोन के 45 गांव, लाइट ग्रीन के 194 गांव, ग्रीन जोन के 255, येलो जोन के 274, पर्पल जोन के 212, ब्लू जोन के 75 गांव मिले हैं।
 

 

76 प्रतिशत क्षेत्रों के भूजल स्तर में गिरावट 
हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश की भूजल स्तर की रिपोर्ट पिछले दस साल की स्थिति में बता चुकी है कि हरियाणा में भूजल स्तर का खतरा बढ़ता जा रहा है। आंकड़े कहते हैं कि प्रदेश के 76 प्रतिशत क्षेत्रों के भूजल स्तर की गिरावट देखने को मिली है। 66 प्रतिशत कुओं में भूजल स्तर गिरा हुआ मिला है। प्रदेश में गिरते भूजल स्तर की वजह से मनोहर लाल सरकार किसानों को धान की बजाए मक्का, दालों और कम पानी खपत वाली फसलें लगाने का आह्वान कर रही है। किसानों को कम पानी खपत वाली फसलों की तरफ आकिर्षत करने के लिए कृषि विभाग ने कई योजनाऐं भी तैयार की हैं। मौजूदा साल के दौरान तो प्रदेश के कृषि विभाग ने किसानों को धान की सीधी बुआई करने को भी कहा है। ऐसे भी प्रदेश में ब्लॉक हैं, जहां जलभराव की समस्या है। यह वह क्षेत्र हैं जहां की जमीन गहराई में हैं और मिट्टी चिकनी है।  
 

 

रैड व पिंक जोन की स्थिति है खराब
हरियाणा सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता अनुराग गोयल का कहना है कि प्रदेश में भूजल स्तर की स्थिति का ध्यान रखते हुए ही हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने इसी वजह से प्रदेश के ब्लॉक जोन में बांट दिए हैं ताकि चिंताजनक भूजल स्तर वाली कामीन से पानी खींचने की कोशिश ना की जाए। रैड और पिंक जोन में भूजल स्तर की स्थिति बहुत ही खराब है। ऐसी जगहों में अगर किसी को ट्यूबवैल बनाना है या इंडस्ट्री के काम के लिए बोरिंग करनी है तो उन्हें पहले प्राधिकरण की अनुमति हासिल करनी होगी। अगर अनुमति के बगैर कोई भी व्यक्ति रैड पिंक या अन्य किसी भी जोन में ट्यूबवैल खोदता है तो उसके खिलाफ जुर्माना और सख्त कार्रवाई की जाएगी। अनुराग का कहना है कि प्रदेश के अधिकतर गांवों और ब्लॉक का भूजल स्तर गिर गया है जो आने वाले समय के लिए खतरे के संकेत दे रहा है।
 

 

जोन में बांटे गए गांवों का रिकार्ड
भूजल स्तर (मीटर)- - - -जोन- - - - --गांव
1. 30.01- - - - -- - -- - रैड- - - - - -1948
2.20.01 से ज्यादा- - ---पिंक- - - - - -- 1093
3.10.01 से ज्यादा- - ---लाइट ग्रीन- - - - 1903
4. 5.01 से ज्यादा- - - - ग्रीन- - - - -- - -1304 
5. 3.01 से ज्यादा- - - -येलो- - - - - -- - -618
6. 1.51 से 3.0- - - - -पर्पल- - - - - - - - 333
7. 0.0 से 1.5- - - ----ब्लू- - - - - - - - --88
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!