प्रशासक ने पलटा पूर्व सी.एच.बी. चेयरमैन का फैसला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2018 08:48 AM

administrator reverted chb chairman decision

प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने अहम फैसले में नीड बेस्ड चेंजिस को लेकर चंडीगढ़ हाऊसिंग के पूर्व चेयरमैन मनिंदर सिंह बैंस द्वारा लिए गए फैसले को पलट दिया है।

चंडीगढ़ (राजिंद्र): प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने अहम फैसले में नीड बेस्ड चेंजिस को लेकर चंडीगढ़ हाऊसिंग के पूर्व चेयरमैन मनिंदर सिंह बैंस द्वारा लिए गए फैसले को पलट दिया है। फैसले का असर 25  हजार के करीब अलॉटियों पर देखने को मिल रहा था। मनिंदर बैंस का 3 साल का कार्यकाल इस साल मार्च में खत्म हो गया था। 

 

उन्होंने सी.एच.बी. अलॉटियों को बड़ी राहत देते हुए नीड बेस्ड चेंजिस को लेकर अहम फैसला लिया था, लेकिन प्रशासक ने आदेशों में कहा कि ये सभी फैसले रद्द कर दिए गए हैं, क्योंकि बिना प्रशासन की अप्रूवल इन्हें इश्यू किया था। नोटिफिकेशन में कहा गया कि ये चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में डिवैल्पमैंट रैगुलेशन के अनुसार नहीं है। 

 

इस बारे में हाऊसिंग बोर्ड के वर्तमान चेयरमैन ए.के. सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नीड बेस चेंज को लेकर इस साल अप्रैल में उन्होंने पहले ही कमेटी गठित कर दी है। कमेटी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके बाद ही इस बारे में कुछ फाइनल फैसला लिया जाएगा। 

 

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष नीड बेस्ड चेंजिस को लेकर जो अनुमति दी गई थी, वह उसकी भी स्टडी कर रहे हैं। गौरतलब है कि कई लोगों ने नीड बेस्ड चेंजिस को लेकर पहले ही घरों में बदलाव कर लिए हैं, इसलिए प्रशासन के इस फैसले से अब ऐसे लोगों का प्रभावित होना तय है।  

 

बालकॉनी और बरामदों में ग्रिल लगाने की भी दी थी इजाजत
इसके अलावा बोर्ड ने बालकॉनी और बरामदों में आम डिजाइन के लिए ग्रिल लगाने की भी इजाजत दी थी, जिसमें सभी प्रकार के मकान शामिल थे। लोगों की मांग के चलते ही विभाग ने इन सभी बदलावों की अनुमति दी थी। 

 

बोर्ड के अन्य अधिकारी ने बताया कि बिना प्रशासन की अनुमति के इन बदलावों की इजाजत नहीं दी जा सकती। यही कारण है कि प्रशासन ने आदेश जारी करते  हुए ऐसे सभी फैसलों को रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि नीड बेस्ड चेंजिस ही नहीं, बल्कि इसमें और फैसले भी हो सकते हैं। 

 

3 फीट की बालकॉनी के निर्माण की अनुमति 
बोर्ड ने अपार्टमैंट की लंबाई के हिसाब से आगे और पीछे 3 फीट की बॉलकोनी की अनुमति दी थी। ये  अनुमति तभी ली सकती थी, जब बिल्डिंग में अपार्टमैंट के मालिक एक साथ इसके निर्माण के लिए राजी  हों। 

 

इसके अलावा कार खड़ी करने के लिए बरामदें को कवर करने की भी इजाजत दी थी, जिसमें स्टील पाइप फ्रेम और पॉलीकार्बोनेट शीटिंग के साथ बाऊंड्री वॉल के भीतर इसे कवर किया जाना था। इसके अलावा बरामदें में सुरक्षा के लिए शटर स्लाइडिंग ग्रिल की भी इजाजत दी गई थी। 

 

पिछले वर्ष घरों में बदलाव की दी थी अनुमति
बोर्ड ने पिछले वर्ष अलॉटियों को घरों में अंदर बदलावों की अनुमति दी थी। बोर्ड ने इंडिपेंडैंट हाऊसिज में 60 की जगह 70 प्रतिशत एरिया कवर करने की अनुमति दे दी थी। बोर्ड के इंडिपेंडैंट हाऊसिज सैक्टर-40, 41 और 43 से लेकर 47 तक के सैक्टरों में है। 

 

इससे पहले ग्राऊंड फ्लोर पर कवर्ड एरिया 60 प्रतिशत, फस्र्ट फ्लोर पर 40 प्रतिशत और सैकिंड फ्लोर पर 20 प्रतिशत था। लोगों ने एडिशनल कवरेज के लिए 200 प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से राशि अदा की है। 

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