Edited By Vikash thakur,Updated: 20 Oct, 2021 07:12 PM
advisory committee
चंडीगढ़, (राजिंद्र शर्मा) : यू.टी. प्रशासन ने जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक एडवाइजरी कमेटी का गठन किया है। गृह सचिव व पर्यावरण विभाग के सचिव नितिन यादव की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। जिसकेअनुसार कमेटी का चेयरमैन स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग को बनाया गया है। गर्ग ने बताया कि कमेटी का काम जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 का पालन कराना सुनिश्चित करना होगा।
कमेटी में चेयरमैन के बाद चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति के सदस्य सचिव को कमेटी का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। इसके अलावा चंडीगढ़ नगर निगम की आयुक्त, पर्यावरण विभाग के निदेशक, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक, पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग के निदेशक, चीफ आर्कीटैक्ट, इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के सचिव, चंडीगढ़ के कॉमन बायोमैडीकल वेस्ट ट्रीटमैंट एंड डिस्पोजल फैसिलिटी के प्रतिनिधि और एक एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है।
कमेटी के चेयरमैन यशपाल गर्ग ने बताया कि कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि शहर में जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य सही ढंग से हो रहा है। जैव चिकित्सा अपशिष्ट अधिनियम-2016 के तहत समस्त गैर सरकारी एवं सरकारी चिकित्सा इकाइयों को उनके यहां से निकलने वाले बायोमैडीकल अपशिष्टों का प्रभावी रूप से प्रबंधन करना है। ऐसा न करने पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार आर्थिक दंड का प्रावधान है।