AIG आशीष कपूर का नाम न तो FIR में, न ही वह अभियुक्त

Edited By Priyanka rana,Updated: 27 Nov, 2019 10:00 AM

aig ashish kapoor

पंजाब पुलिस के ए.आई.जी. आशीष कपूर को बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ एक महिला ने शारीरिक शोषण और रेप के आरोप लगाते हुए एफ.आई.आर. दर्ज करवाई थी।

चंडीगढ़(रमेश) : पंजाब पुलिस के ए.आई.जी. आशीष कपूर को बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ एक महिला ने शारीरिक शोषण और रेप के आरोप लगाते हुए एफ.आई.आर. दर्ज करवाई थी। 

आशीष कपूर ने आरोपों को निराधार बताते हुए मामले में जांच कर रहे आई.जी. कुंवर प्रताप की जगह किसी अन्य अधिकारी से जांच करवाने की मांग की थी और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। मामले की मंगलवार को हुई सुनवाई के वक्त पंजाब सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि ए.आई.जी. आशीष कपूर का नाम न तो एफ.आई.आर. में है और न ही वह मामले में अभियुक्त हैं। 

कोर्ट ने अधिवक्ता को इस संबंध में सरकार की और से एफिडेविट दाखिल करने को कहते हुए गृह सचिव, पुलिस प्रमुख व विजीलैंस के चीफ डायरैक्टर सहित आई.जी. (ऑर्गनाइज्ड क्राइम) कुंवर विजय प्रताप सिंह को इन पर्सन नोटिस जारी किया है मामले की सुनवाई अब 20 जनवरी को होगी। 

याची पक्ष के वकील प्रदीप विर्क ने बताया कि चंडीगढ़ में एस.पी. रहे आशीष कपूर के खिलाफ 16 अगस्त, 2019 को एक शिकायत मुख्यमंत्री को महिला की और से दी गई थी, जिसमें आरोप लगाए गए थे कि आशीष ने मोहाली में उनके खिलाफ 2012  व 2014 में मानव तस्करी व धोखाधड़ी के मामले दर्ज करवाए थे, जिसके बाद आशीष ने जेल में भी उन्हें धमकियां दी व रेप किया था। 

आशीष कपूर के इशारों पर टॉर्चर किया :
महिला जिस जेल में थी उस जेल में राजन कपूर नामक बंदी द्वारा जेल से ही रंगदारी मांगने के मामले की जांच के लिए आई.जी. कुंवर विजय प्रताप गए थे जहां उक्त महिला ने उन्हें भी जेल में आशीष के इशारों पर टॉर्चर किए जाने की बात कही जिसके बाद कुंवर विजय प्रताप ने महिला के मैजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करवाए और राजन कपूर वाली एफ.आई.आर. के साथ ही इस शिकायत को जोड़ कर जांच शुरू कर दी जिसकी जानकारी विजीलैंस को नहीं दी गई न ही मामला दर्ज करने की अधिकारियों से अनुमति ली थी। 

मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी :
हाईकोर्ट में आशीष कपूर ने याचिका दाखिल कर सारे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी और जांच अधिकारी बदलने की अपील की थी जिस पर सुनवाई के वक्त याचीपक्ष ने कोर्ट को बताया कि आशीष कपूर के खिलाफ महिला ने शिकायत वर्ष 2019 में की।  

जबकि उस महिला के खिलाफ मामले वर्ष 2012 व 2014 में दर्ज हुए थे, इनमें से एक मामले में महिला व दो अन्य अभियुक्तों को वर्ष 2019 में सजा भी हो चुकी है यानी की जांच में महिला पर लगे आरोप साबित हुए है जिन्हें झुठलाया नहीं जा सकता। विजीलैंस ने भी इस मामले में उन्हें सूचना नहीं देने पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि आशीष कपूर विजीलैंस में ही ए.आई.जी. थे। 

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