एयरफोर्स एयर कॉमोडोर की कोर्ट में गुहार, जज साहिब एयरपोर्ट को बंद होने से बचा लो

Edited By Priyanka rana,Updated: 22 May, 2019 11:15 AM

air force air commodore

चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट में एयरफोर्स (3 बी.आर.डी.) के एयर कॉमोडोर एन. श्रीनिवासन ने गुहार लगाई कि एयरपोर्ट को बंद होने से बचा लें।

चंडीगढ़(हांडा) : चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट में एयरफोर्स (3 बी.आर.डी.) के एयर कॉमोडोर एन. श्रीनिवासन ने गुहार लगाई कि एयरपोर्ट को बंद होने से बचा लें। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट में शामिल स्टेक होल्डर्स में तालमेल न होने व टालमटोल रवैये के चलते एयरपोर्ट के विस्तार का काम नहीं हो पा रहा। 

हाईकोर्ट हस्तक्षेप कर एयरपोर्ट को बंद होने से बचा सकता है, क्योंकि ऐसा ही रहा तो एयरपोर्ट बहुत जल्द बंद होने वाला है। चीफ जस्टिस की कोर्ट में पंजाब व केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं के बीच एयरपोर्ट के आसपास अतिक्रमण और निर्माण हटाने के बदले मुआवजे को लेकर बहस के बाद एयर कॉमोडोर ने भावुक होकर यह स्टेटमैंट दी।

एयरपोर्ट से जीरकपुर तक ड्रैनेज पाइप लाइन बिछाने को नगर काऊंसिल तैयार :
हाईकोर्ट में जीरकपुर नगर काऊंसिल और ड्रैनेज विभाग ने एफिडैविट देकर सूचित कर दिया है कि एयरपोर्ट से जीरकपुर तक ड्रैनेज सिस्टम को लेकर अब तक के लिए ड्राइंग बनाई थी, वह पारित कर दी है। इस संबंध में टैंडर जारी कर दिए हैं, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। 

एप्रोच रोड बनाने को पंजाब की स्वीकृति :
पंजाब सरकार ने एयरपोर्ट से आपात सेवाओं के लिए एप्रोच सड़क तैयार करने की बात मान ली है जिसके लिए सरकार को 100 दिन का समय दिया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई कि कैट 3 निर्माण कार्य के चलते यहां आने वाले वाहनों और कार्य समय सुनिश्चित करने को लेकर डिफैंस मिनिस्ट्री को भी आदेश जारी किए जाएं, ताकि उक्त काम भी जल्द पूरा हो सके। इस मामले में अगली सुनवाई 30 मई को होगी।

डिफैंस सचिव के साथ होगी सभी प्रतिवादियों की बैठक-एक सप्ताह में देना होगा जवाब :
एयरपोर्ट के आसपास अतिक्रमण और मुआवजे को लेकर पंजाब और केंद्र के बीच पेंच फंस गया है। दोनों ही एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कहा कि कानूनन एयरपोर्ट के 100 मीटर के दायरे में अतिक्रमण हटाना और मुआवजा देना केंद्र की जिम्मेदारी है जबकि केंद्र की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता चेतन मित्तल का कहना था कि हम पुरानी नहीं, बल्कि 2010 की नोटिफिकेशन के बाद अतिक्रमण की बात कर रहे हैं जिसे हटाना राज्य सरकार की ड्यूटी है। 

दोनों पक्ष इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में ही उलझते दिखे जिसके बाद चीफ जस्टिस ने डिफैंस सचिव के साथ सभी प्रतिवादियों को बैठक कर सुनिश्चित करने को कहा कि एयरपोर्ट के आसपास अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी किसकी है और उसकी एवज में मुआवजा कौन देगा। बैठक कर हाईकोर्ट में 1 सप्ताह के बीच जवाब दाखिल किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी और एयरफोर्स को एयरपोर्ट के 100 मीटर के दायरे में नए अतिक्रमण या निर्माणों को वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट कोर्ट को देने के निर्देश दिए गए हैं। 

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