Edited By Priyanka rana,Updated: 02 May, 2020 09:04 AM
पी.जी.आई. ने डॉक्टर्स और मैडिकल स्टाफ की सेफ्टी को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। पिछले कई दिनों से लगातार शहर में डॉक्टर्स और हैल्थ वर्कर्स कोरोना की चपेट में आ रहे हैं।
चंडीगढ़ (पाल) : पी.जी.आई. ने डॉक्टर्स और मैडिकल स्टाफ की सेफ्टी को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। पिछले कई दिनों से लगातार शहर में डॉक्टर्स और हैल्थ वर्कर्स कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। अब पी.जी.आई. आने वाले हर मरीज का कोरोना टैस्ट किया जाएगा। पी.जी.आई. डायरैक्टर ने स्टाफ में संक्रमण को रोकने के लिए सर्जिकल व मैडिसिन दो कमेटियों का गठन किया था।
शुक्रवार को पी.जी.आई. में हुई मीटिंग में सर्जिकल कमेटी के चेयरपर्सन डीन रिसर्च डॉ. गुरप्रीत सिंह और मैडिकल कमेटी से गेस्ट्रो के हैड डॉ.राकेश कोचर ने रिकमेंडशन दी है कि एमरजैंसी में आने वाले हर मरीज का कोरोना टैस्ट होगा। इसके बाद ही आगे का प्रोसेस किया जाएगा। लेकिन अगर कोई मरीज ज्यादा गंभीर है तो उसे अनदेखा नहीं किया जाएगा। स्टाफ पूरी सेफ्टी किट्स के साथ उसका इलाज करेगा।
एमरजैंसी एरिया में बनाए क्यूबिकल :
एमरजैंसी में आने वाले हर मरीजों के लिए क्यूबिकल बनाए गए हैं, जहाँ रिपोर्ट आने से पहले उन्हें रखा जाएगा। गाइडलाइंस को देखते हुए एक-दूसरे से उचित दूरी होगी। ताकि एक दूसरे से कोई संक्रमित न हो सकें। दो एरिया इसके लिए बनाए गए हैं।
यू.टी. प्रशासन कर रहा सहयोग :
पी.जी.आई. डायरेक्टर जगतराम ने बताया कि वह पड़ोसी राज्यों को भी पत्र लिख रहे हैं कि वहां से मरीज तब तक न भेजें जब तक कि बहुत एमरजैंसी न हो साथ ही उन्होंने बताया कि यू.टी.प्रशासन भी इसमें मदद कर रहा है। उन्होंने भी आसपास के राज्यों से बात की है कि अगर किसी मरीज को पी.जी.आई. भेजना है तो कोरोना टैस्टिंग के बाद ही रैफर किया जाए।
डॉक्टर्स और स्टाफ की सेफ्टी अहम :
डायरेक्टर ने कहा कि कई अस्पतालों से स्टाफ पॉजिटिव आ रहा है। पी.जी.आई. में भी कुछ केस आए हैं। ऐसे में इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता इसलिए यह कदम उठाया गया है। इंफैक्शन को कंट्रोल करना जरूरी है ताकि मैडिकल स्टाफ को एक्सपोज से बचाया जा सके।