Edited By ,Updated: 25 Aug, 2016 09:07 AM
पंचकूला जिले के गांव टपरियां के ग्रामीणों ने जमीनी विवाद में स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाते हुए आरोपियों की मदद करने का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार ने इंसाफ न मिलने की सूरत में सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी है।
चंडीगढ़, (ब्यूरो): पंचकूला जिले के गांव टपरियां के ग्रामीणों ने जमीनी विवाद में स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाते हुए आरोपियों की मदद करने का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार ने इंसाफ न मिलने की सूरत में सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी है। चंडीगढ़ प्रैस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में कालका के गांव टपरियां की पंचायत के अंतर्र्गत आने वाले गांव लस्करीवाला निवासी तेजवंत सैनी व टंडारडू़ निवासी नरेश शर्मा ने बताया कि उनकी मौजा टपरियां में आठ कनाल चार मरले जमीन है। जिसकी गिरदावरी का इंद्राज ग्राम पंचायत मार्फत साधु सिंह के नाम चल रहा था। जिसे ठीक करवाने में पंचकूला की अदालत में केस डाला गया। अदालत ने मुझे फसल बिजाई के आदेश दे दिए। वह पिछले करीब 7 साल से फसल की बिजाई करते आ रहे हैं। हाल ही में गांव के सरपंच ने अपने साथियों समेत वहां पहुंचकर बिजाई करने से रोका। इस बारे में रायपुररानी थाना प्रभारी को भी जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने अदालती आदेशों को अमल करवाने से इनकार कर दिया।
बीती 14 जून को दोबारा फसल की बिजाई करने पर सरपंच ने घर में घुसकर धमकाने का आरोप लगाते हुए उनके व उनके कई साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया। इस बारे में पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों को जब संपर्क किया जाता है तो वह हर बार विधायिका लतिका शर्मा व उनके पति का कथित दबाव बताकर कार्रवाई करने से इनकार कर रहे हैं। तेजवंत सैनी ने बताया कि उनके और उनके परिजनों के खिलाफ गांव के सरपंच की मिलीभगत से न केवल झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बारे में जब रायपुरानी के नायब तहसीलदार को दस्तावेज दिखाए गए तो उन्होंने भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। तेजवंत सैनी ने कहा कि अगर प्रशासन ने उनकी सुनवाई नहीं की तो वह परिवार समेत आत्मदाह करने को मजबूर होंगे। जिसके लिए स्थानीय प्रशासन के अलावा विधायक सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगी।