आपसी सहमति से निपटाओ मसले, अन्यथा केंद्र निपटाना जानता है : शाह

Edited By Priyanka rana,Updated: 21 Sep, 2019 08:44 AM

amit shah

नॉर्थ जोन काऊंसिल की 29वीं मीटिंग में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के जो भी आपसी मसले थे, उनमें से कुछ पर ही सहमति बन पाई।

चंडीगढ़(साजन) : नॉर्थ जोन काऊंसिल की 29वीं मीटिंग में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के जो भी आपसी मसले थे, उनमें से कुछ पर ही सहमति बन पाई। ज्यादातर मसले राज्यों की आपसी सहमति न मिल पाने की वजह से लटके ही रह गए। चंडीगढ़ को आऊटर रिंग रोड बनाकर ट्रैफिक कंजेशन से बचाने का मसला ठंडे बस्ते में पड़ गया। इसे उठाया तो गया लेकिन इस पर कोई भी रिस्पॉन्स न तो केंद्र, न पंजाब और न हरियाणा की ओर से आया। 

इसी तरह मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम का मसला भी प्रशासक ने मीटिंग में रखा लेकिन इस पर भी केंद्र, पंजाब व हरियाणा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। विभिन्न मसलों पर आपसी सहमति न बनते देख अंत में गृहमंत्री अमित शाह को ये कहना पड़ा कि राज्यों को आपसी सहमति से विवादों वाले मसले हल कर लेने चाहिए अन्यथा केंद्र इन्हें निपटाने का तरीका जानता है। 

पी.यू. को हरियाणा से मदद की जरूरत नहीं :
मीटिंग में जब हरियाणा ने पंजाब यूनिवर्सिटी को अतिरिक्त राशि मुहैया कराए जाने और अपने कुछ जिलों के कॉलेज पी.यू. से जोडऩे की बात रखी तो पंजाब ने सख्त ऐतराज जताया। कहा गया कि पंजाब यूनिवर्सिटी को केंद्र से और पंजाब की ओर से तय राशि दी जा रही है। 

60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत पंजाब दे रहा है। हरियाणा की ओर से किसी आर्थिक मदद की जरूरत नहीं है। एक बार हरियाणा के कॉलेज पी.यू. से अलग कर दिए गए थे, उन्हें दोबारा जोड़े जाने का कोई मतलब नहीं है? पी.यू. के साथ पहले ही पंजाब के चार जिलों के 190 से ज्यादा कॉलेज एफीलिएटिड हैं। 

ई-बीट बुक शुरू :
ई-बीट बुक सिस्टम की शुरूआत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पांच बीट अधिकारियों को ई-बीट बुक देकर की।

एम्स बनेंगे मगर रैफर मरीजों को दाखिल करने से मना नहीं कर सकता पी.जी.आई. :
पी.जी.आई. में मरीजों की लगातार बढ़ रही भीड़ के मसले पर पंजाब ने जवाब दिया कि बठिंडा में जल्द ही नया एम्स बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद पी.जी.आई. रैफर किए जाने वाले मरीजों की संख्या कम हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश ने भी कहा कि उनके यहां भी एम्स तैयार होने जा रहा है लेकिन अगर पी.जी.आई. ये कहे कि रैफर मरीजों को दाखिल नहीं करेंगे तो यह सरासर अन्याय है। पी.जी.आई. मरीज दाखिल करने से मना नहीं कर सकता। 

गृहमंत्री अमित शाह ने पी.जी.आई. प्रशासन को आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज करने और इसके तहत केंद्र से मिलने वाली राशि लेने की सलाह दी। हरियाणा की ओर से पानी का मसला उठाने को लेकर कहा गया कि 2 अक्तूबर तक चंडीगढ़ प्रशासन इस मसले का समाधान कर देगा। पंचकूला को अभी 10 क्यूसिक पानी दिया जा रहा है। चंडीगढ़ ने 18 क्यूसिक पानी दिए जाने पर सहमति दे दी। 

एयरपोर्ट के शॉर्ट रूट के लिए टनल बनाने को भी इन्कार :
एयरपोर्ट का शॉर्ट रूट बनाने के लिए जो टनल तैयार करने का प्लान था, उसमें पंजाब-हरियाणा ने रोड़ा अड़ा दिया। सैक्टर-48 से एयरपोर्ट की ओर रास्ता जोडऩे की बात उठी, जिसे ट्रिब्यून फ्लाईओवर की तरफ जोडऩे को  कहा गया लेकिन इस पर चंडीगढ़ ने केवल इतना कहा कि अगर यह व्यावहारिक होगा तो इस पर काम किया जाएगा। 

एयरपोर्ट का नाम पंजाब के नाम पर रखने को लेकर हरियाणा ने ऐतराज उठाया और कहा कि इसमें हमने भी 25 प्रतिशत की राशि दी है। इस मसले पर स्टेट्स को रखने को कहा गया। यानि न तो एयरपोर्ट का शॉर्ट रूट बनाने के लिए टनल बनाने का मसला सिरे चढ़ पाया और न ही एयरपोर्ट के नाम के मसले पर कोई सहमति बन पाई। एयरफोर्स स्टेशन के पास से टर्मिनल खोलने की बात मीटिंग में उठी। इसको लेकर एयरफोर्स के  ऐतराज को भी सामने रखा गया। 

इनर रिंग रोड पर पंजाब की हां, आऊटर पर हरियाणा-पंजाब खामोश :
इनर रिंग रोड को लेकर पंजाब ने मीटिंग में केवल इतना कहा कि जीरकपुर की ओर से पंचकूला तक उनका जो एरिया बचा है, वहां जल्द ही रोड तैयार कर दी जाएगी। आऊटर रिंग रोड बनाने को लेकर न हरियाणा और न ही पंजाब और न ही केंद्र ने कोई बात की। हालांकि प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने अपनी स्पीच में यह मसला रखा था। यानि यह मुद्दा ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। 

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