Edited By pooja verma,Updated: 30 Apr, 2019 08:25 PM
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भले ही चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने साइकिल ट्रैक पर वाहन चलाने वालों के चालान काट कर उनके वाहन जब्त कर लिए हों लेकिन पुलिस के ढ़ीले रवैये से फिर ट्रैक पर चलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
चंडीगढ़ (साजन): हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भले ही चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने साइकिल ट्रैक पर वाहन चलाने वालों के चालान काट कर उनके वाहन जब्त कर लिए हों लेकिन पुलिस के ढ़ीले रवैये से फिर ट्रैक पर चलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
पंजाब यूनिवर्सिटी के पास सैक्टर-25 व शहर के अन्य हिस्सों में रोजाना इस तरह साइकिल ट्रैक पर गाडिय़ां दौड़ाते असंख्या लोग दिखाई दे रहे हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। साइकिल सवारों की जान भी ये वाहन चालक खतरे में डाल रहे हैं।
सैक्टर-25 के साइकिल ट्रैक के पास अब तक इंजीनियरिंग विभाग ने निशानदेही भी नहीं की है। हालांकि इंजीनियरिंग विभाग ने दावा किया था कि जल्द ही साइकिल ट्रैक सही कर दिए जाएंगे,लेकिन जो हालात हैं उन्हें देखकर नहीं लग रहा कि अगले कई माह तक ये पूरे हो पाएंगे।
बहुत सी जगह तो साइकिल ट्रैक पर रोड़ी ही पड़ी है। कई जगह ट्रैक अभी भी कच्चे हैं। ऊपर से जो ट्रैक पूरे भी है वहां वाहनों का दौडऩा एक्सीडैंट को निमंत्रण दे रहा है। यहां बता दें कि पुलिस ने हाईकोर्ट की सख्ती के बाद बड़े जोरशोर से मुहिम चलाई थी क्योंकि हाईकोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस को साइकिल ट्रैकों पर वाहन चलाने को लेकर पुलिस को खूब फटकार लगाई थी।
इसके बाद शहर में कई जगह साइकिल ट्रैकों पर वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चला। बहुत से वाहन चालक पकड़े गए। इनके वाहन भी इम्पाऊंड किए गए। अब दोबारा पुलिस लापरवाह हो गई है। लोग दोबारा तेज गति से इन ट्रैकों पर वाहन दौड़ा रहे हैं।
धनास निवासी अखिल बंसल ने इसकी शिकायत ट्रैफिक सैल सहित प्रशासन के पास भी की है और साइकिल ट्रैकों पर रोजाना बदस्तूर दौड़ रहे वाहनों की अपने मोबाइल से फोटो भी खींची हैं,लेकिन उनकी शिकायत पर कोई गौर करने वाला नहीं है।
अखिल बंसल ने कहा है कि क्या प्रशासन व पुलिस तब जागेगी जब साइकिल ट्रैक पर किसी साइकिल चलाने वाले गरीब की जान चली जाएगी। साइकिल प्रोमोट करनी है तो इस पर चलने वाले दूसरे वाहनों को तो तत्काल रोकना होगा अन्यथा लोग खुद साइकिल चलाना बंद कर देंगे जिससे प्रशासन की मुहिम को ही झटका लगेगा।