हरियाणा फार्मैसी कौंसिल के रजिस्ट्रार के पद से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के करीबी अरुण को हटाया

Edited By pooja verma,Updated: 14 Nov, 2019 12:45 PM

arun removed from the post of registrar of haryana pharmacy council

पंचकूला के सैक्टर-4 स्थित हरियाणा फार्मैसी कौंसिल के रजिस्ट्रार के पद से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अरुण पराशर को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

पंचकूला (मुकेश): पंचकूला के सैक्टर-4 स्थित हरियाणा फार्मैसी कौंसिल के रजिस्ट्रार के पद से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अरुण पराशर को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। फार्मैसी कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष के.सी. गोयल ने हाईकोर्ट के आदेशों के बाद इसे सच्चाई की जीत बताया है।

 

गोयल ने मांग की है कि अरुण पराशर के कार्यकाल में हुए रजिस्ट्रेशन व टी.ए.-डी.ए. की भी जांच होनी चाहिए, ताकि फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके। गोयल ने आरोप लगाया कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के करीबी अरुण पराशर कोउच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए व बिना किसी आवेदन के ही हरियाणा स्टेट फार्मेसी कौंसिल का रजिस्ट्रार लगाए रखा गया।

 

पराशर को 26 नवम्बर, 2015 को डी.सी. पंचकूला रेट पर 89 दिन के बगैर धारा-46 एफ के तहत जरूरी गजट नोटीफिकेशन किए लगाया था। इसके बाद अरुण पराशर की याचिका को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 25 जुलाई 2019 को खारिज कर दिया था लेकिन आखिर कार सच्चाई की जीत हुई और ए.सी.एस. हैल्थ राजीव अरोड़ा ने तुरंत प्रभाव से अरुण पराशर को पद से हटाया।

 

हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल के पूर्व चेयरमेन गोयल ने हरियाणा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पर फार्मेसी कौंसिल में भारी अनियमितताओं को लेकर निशाना साधा था और मंत्री पर अपने पद का दुरुपयोग करने के भी आरोप लगाए थे। गोयल ने बताया कि उन पर अवैध नियुक्ति का विरोध करने पर फार्मेसी एक्ट 1948 व नियमों को दरकिनार करके विजीलैंस ब्यूरो का दुरुपयोग करके झूठी व बेबुनियाद एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई।

 

क्या है नियम
-कृष्ण चंद गोयल ने बताया कि हरियाणा राज्य फार्मेसी कौंसिल एक खुद मुख्तियार संस्था है, जिसको सरकार किसी भी प्रकार से कोई वित्तीय अनुदान व मदद नहीं करती। 
-कौंसिल का गठन हर पांच साल बाद 6 सदस्यों का चुनाव, पांच सदस्यों को मनोनीत करते हुए व तीन एक्स ऑफिसों सदस्यों के साथ सरकारी गजट नोटीफिकेशन जारी करते हुए किया जाता है। मौजूदा कौंसिल का गठन 3 मार्च 2014 को प्रधान का चुनाव 2 जून 2014 को करवाकर 16 जुलाई 2014 को नोटीफिकेशन जारी किया गया।
-हरियाणा फार्मेसी कौंसिल के निलंबित चेयरमैन कृष्ण चंद गोयल ने कहा है कि 10 जून 2014 की जनरल बॉडी मीटिंग के तहत रजिस्ट्रार के लिए कम से कम योग्यता फार्मेसी में ग्रैजुएट होना जरूरी है और कम से कम पांच साल के लिए प्रशासनिक अनुभव जरूरी है, निर्धारित किया गया। 
-पी.सी.आई. ने भी 2 सितम्बर 2016 को पत्र लिखकर हरियाणा सरकार को अनुरोध किया था की धारा 46 में फेरबदल करते हुए रजिस्ट्रार के लिय कम से कम योग्यता फार्मेसी में ग्रैजुएट पास करे। 
-सारे देश में किसी भी फार्मेसी कौंसिल का रजिस्ट्रार डिप्लोमा नहीं है कम से कम फार्मेसी ग्रैजुएट है। राज्य फार्मेसी कौंसिल हरियाणा डिप्लोमा होल्डर से लेकर पीएचडी तक पास करने वालो को बतोर फार्मेसी रजिस्टर करती है जो केवल डिप्लोमा होल्डर नहीं कर सकता।

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