पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर शहर के स्कूलों में जल्द शुरू होगा किचन गार्डन

Edited By bhavita joshi,Updated: 15 Jul, 2019 12:00 PM

as a pilot project the city s garden will soon start in the kitchen garden

शहर के सरकारी स्कूलों में आने वाले समय में खुद सब्जियां उगाकर मिड-डे मिल बनाएंगे।

चंडीगढ़(वैभव): शहर के सरकारी स्कूलों में आने वाले समय में खुद सब्जियां उगाकर मिड-डे मिल बनाएंगे। इन स्कूलों में केवल सब्जियां ही नहीं, बल्कि फल भी उगाएं जाएंगे। जो बच्चों के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए शहर का शिक्षा विभाग आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन शुरू करने वाला है। हालांकि पहले इस प्रोजैक्ट को स्कूलों में केवल पायलट प्रोजैक्ट के रूप में लागू किया जाएगा। चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ाई करने के साथ-साथ अब फल और सब्जी उगाना भी सीखेंगे। स्कूलों के बाग में जो सब्जी उगेगी, उसे मिड-डे मील के लिए किचन में पकाया जाएगा और स्टूडैंट्स को परोसा जाएगा। 

किचन गार्डन योजना से शिक्षा विभाग के बचेंगे पैसे
गौरतलब है कि मंडी से सब्जियां लाने में शिक्षा विभाग का लाखों रुपए का खर्चा आता है। ऐसे में अगर सब्जियों और फलों को स्कूलों में ही उगाया जाएगा तो विभाग को भी इसका फायदा होगा। इस योजना से शिक्षा विभाग को मिड-डे मील के लिए मंडी से सब्जियां नहीं लानी पड़ेंगी। 

शिक्षा विभाग कर चुका है स्कूल प्रशासन को आदेश जारी
इस संबंध में शिक्षा सचिव बी.एल. शर्मा ने निर्देश जारी कर चुके हैं। सभी प्रिंसीपल व स्कूल हेड को स्कूल परिसर में जगह उपलब्ध कराकर सब्जियां उगाने को कहा गया है। स्कूल प्रबंधन की ओर से कुछ जगह निर्धारित कर गाजर, मूली, गोबी (दोनों प्रकार), भिंडी, बैगन, मिर्च, मेथी, सेम, टमाटर समेत अन्य सब्जियां उगाई जाएंगी। ताकि स्टूडैंट्स को पौष्टिक सब्जियां खाने को मिल सकें। सैक्टर-42 स्थित डॉ. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमैंट, चंडीगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमैंट, सैक्टर-17 स्थित होटल शिवालिक व्यू, सैक्टर-17 (सिटको) में स्कूलों में मिलने वाला मिड-डे मील खाना तैयार किया जाता है। 

अभी मिड-डे मील में चावल, दाल, चपाती व सब्जी
अभी सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 45 हजार स्टूडैंट्स को मिड-डे मील में दोपहर का भोजन दिया जाता है। इनमें से 27 हजार स्टूडैंट्स प्राइमरी, जबकि 18 हजार स्टूडैंट्स अपर प्राइमरी के हैं। स्कूलों ने दिन के हिसाब से अलग-अलग मेन्यू बनाया हुआ है। आमतौर पर दाल-चावल, चना-चावल, चपाती-सब्जी इत्यादि दी जाती हैं।

देव भूमि के स्कूलों से आया था आइडिया
शहर के स्कूलों में सब्जियों और फलों को उगाने का आइडिया देवभूमि उत्तराखंड और हिमाचल के स्कूलों से आया। दोनों राज्यों में आधे से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं, जिनमें स्कूल परिसर में ही सब्जियां उगाई जाती है, और मिड डे मिल के लिए उनका प्रयोग किया जाता है। इस संबंध में शहर ने उत्तराखंड और हिमाचल के स्कूलों से सीख ली गई है।

मौसम के अनुसार उगाई जाएंगी सब्जियां
मौसम के अनुसार सब्जियों का चक्र तैयार किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। यहां लगाए गए धनिया, मेथी व मिर्च का उपयोग मिड-डे मील में किया जाएगा। ऐसा सिस्टम तैयार किया जाएगा कि एक सब्जी का सीजन खत्म होने के बाद दूसरी तैयार हो जाए। स्कूलों में किचन गार्डन की सुविधा होने से स्टूडैंट्स को शिक्षा के साथ कृषि संबंधी ज्ञान भी मिलेगा। इन किचन गार्डन में सब्जियों और फलों में बीमारियों की पहचान, मौसम की मार, खाद तथा उर्वरक का प्रयोग, समयानुसार सिंचाई सहित उनकी देखभाल आदि की जानकारी स्टूडेंट्स टीचर से ले सकेंगे।

जिन स्कूलों में खाली जगह, उन्हीं में यह प्रोजैक्ट होगा लागू
सूत्रों के अनुसार अभी यह योजना उन्हीं स्कूलों में शुरू की जाएगी, जिनके पास भूमि उपलब्ध होगी। इसके बाद जिन स्कूलों के पास खाली भूमि है, वहां भी सब्जियां उगाई जाएंगी। स्कूलों में किचन गार्डन योजना के तहत बच्चों को सब्जियां व फल उगाने के प्रति जागरूक किया जाएगा।

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