Edited By Priyanka rana,Updated: 03 Apr, 2019 10:01 AM
ऑडिट विभाग ने यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट की कैशबुक में वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान बड़ी गड़बडिय़ां पकड़ी हैं।
चंडीगढ़(साजन) : ऑडिट विभाग ने यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट की कैशबुक में वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान बड़ी गड़बडिय़ां पकड़ी हैं। इलैक्ट्रिसिटी डिवीजन नंबर 1 के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने ट्रेजरी के साथ जो मंथली सैटलमैंट की, उसमें करीब 38 करोड़ की रकम का मिलान ही नहीं हुआ।
पब्लिक वर्क अकाऊंट्स फार्म 26 की मार्फत ट्रेजरी की मार्फत इलैक्ट्रिसिटी विभाग के डिवीजनल आफिस ने जो पेमैंट की और जो ट्रेजरी को पेमैंट की गई उसमें यह गड़बडिय़ां सामने आई हैं। इसमें ट्रेजरी के साथ 38.09 करोड़ के अमाऊंट का मिलान नहीं हो पाया। ऑडिट ने इस पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
आर.टी.आई. में यह जानकारी मिली :
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट आर.के. गर्ग को जो जानकारी मिली है, उसमें 2016-17 की एल.ए.आर. में (पैरा 3) 3 करोड़ 51 लाख 64 हजार 151 रुपए का एक अमाऊंट है, जो अनएक्नोलेज्ड कैश-चैक के तौर पर ट्रेजरी में दर्ज है। इसका कोई हिसाब-किताब नहीं मिल पा रहा। इसी तरह इसी तरह 14 करोड़, 49 लाख, 14 हजार 394 के चैक इश्यू हुए लेकिन इनकी पेमैंट नहीं हुई। यह चैक मार्च 2010 और अप्रैल 2010 के बीच इश्यू हुए।
इसी तरह 20 करोड़, 4 लाख, 63 हजार 283 रुपए के चैक डिवीजन ने इश्यू ही नहीं किए लेकिन यह कैश हो गए और इनका कैश बुक में कोई जिक्र ही नहीं है। यह चैक नवम्बर 2009 और दिसम्बर 2009 के दौरान जारी हुए। कुल मिलाकर यह राशि 38, 09,92,520 रुपए बैठती है। यानि इतनी रकम के हेर-फेर का अब तक पता नहीं चल पाया है। कोई अधिकारी इस बाबत ऑडिट विभाग को क्लीयरेंस भी नहीं दे पा रहा है। ऑडिट विभाग ने 38 करोड़ के घपले की आशंका जताई है।
विभाग के जवाब का इंतजार :
वर्ष 2017-18 के रिकार्ड को देखकर सामने आया कि गवर्नमैंट ट्रेजरी में डिवीजन आफिस ने 3,58,37,097 की अक्तूबर, 2017 से लेकर मार्च, 2018 तक पेमैंट की लेकिन इसका कोई मिलान नहीं किया गया।
ऑडिट विभाग ने इस मामले में भी आशंका जताई कि गवर्नमैंट रिसिप्ट्स में जबरदस्त गड़बडिय़ां हुई। इसमें भी ऑडिट विभाग ने घोटाले की आशंका जताई है। मामले में ऑडिट को विभाग के जवाब का इंतजार है।