Edited By Priyanka rana,Updated: 23 Feb, 2020 01:15 PM
प्लेराइट भारत का एक प्रमुख स्पोर्ट्स लिटरेचर फैस्टिवल शहर के एक होटल में शनिवार को शुरू हुआ।
चंडीगढ़(लल्लन) : प्लेराइट भारत का एक प्रमुख स्पोर्ट्स लिटरेचर फैस्टिवल शहर के एक होटल में शनिवार को शुरू हुआ। स्पोर्ट्स लिट फैस्ट के तीसरे संस्करण में खेलों और खिलाड़ियों से संबंधित विभिन्न विषयों पर वरिष्ठ खिलाड़ियों और युवा खिलाड़ियों द्वारा अलग-अलग सैशंस में सकारात्मक चर्चा की गई। इस मौके पर प्रिंसिपल सचिव, खेल, हरियाणा सरकार आई.पी.एस. ओ.पी. सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।
ओलिंपिक ड्रीम्स नाम के पहले सैशन को प्लेराइट के संस्थापकों व पूर्व आई.ए.एस. विवेक अत्रे द्वारा शुरू किया गया था। इस सैशन में आमिर खान की फिल्म दंगल की असली स्टार बबीता फोगाट प्रमुख तौर पर शामिल थीं। बबीता एक प्रसिद्ध महिला पहलवान हैं, जिन्होंने 2014 के कॉमनवैल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता।
जब पिता ही कोच हों तो बच निकलना असंभव :
फोगाट ने कहा कि अगर उनके पिता उनके खेल को लेकर इतने सख्त न होते तो आज वह इस मुकाम पर न होती। शायद वह एक शर्मीली लड़की के तौर पर घर की चार-दीवारों तक ही सीमित रह जाती, लेकिन उनके पिता ने हमेशा उनको खेलने के लिए प्रोत्साहित किया।
फोगाट ने कहा कि दंगल फिल्म में चीजों को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं दिखाया गया है। वास्तव में मुझे और मेरी बहनों को मेरे सख्त पिता द्वारा पारिवारिक शादियों में शामिल होने की अनुमति नहीं थी, अगर वे हमारे प्रशिक्षण के बीच में आती तो हमारे पास बचने का कोई रास्ता नहीं था, जब आपके पिता आपके कोच हों तो, दाएं-बाएं बच निकलने का कोई रास्ता नहीं होता है।
पिता कहते, तुम मेहनत करो, बाकी मुझ पर छोड़ दो :
बबीता ने इस बारे में भी बात की कि उनके अपने गांव के लोग कैसे उन्हें और उनकी बहनों को शॉर्ट्स पहनने और लड़कों के बीच खेलने के लिए ताना मारेंगे। हालांकि ऐसे मौके पर मेरे पिता बस इतना ही कहते कि आप सिर्फ कड़ी मेहनत करते रहो, बाकी सब मुझ पर छोड़ दो।
मां कहती, बस दो साल और :
अपने अतीत को याद दिलाते हुए उन्होंने यह भी बताया कि कैसे वह अक्सर अपनी मां से पूछती थी कि उसके पिता ने उनकी जिंदगी इतनी सख्त और कठिन क्यों बनाई गई है? मेरी मां बस जवाब देती कि बस 2 साल और। यह तब तक जारी रहा जब तक मैं उस स्थान पर नहीं पहुंच गई, जहां मेरे पिता मुझे देखना चाहते थे।
पिता जैसा पति मिला, हर कदम पर देते हैं साथ :
प्लेराइट में फोगाट के साथ उनके पति विवेक सुहाग भी थे, जो खुद एक पहलवान हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या शादी के बाद उनका जीवन किसी तरह बदला है, तो उन्होंने कहा कि वह वास्तव में भाग्यशाली हैं कि उसे अपने पिता जैसा पति मिला है, जो उसके लिए बेहद सहायक है। वे हर कदम पर उनका साथ देते हैं।