Edited By pooja verma,Updated: 16 Dec, 2019 05:37 PM
पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने सोमवार को पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान कमांडर (डाॅ) अविक्षित द्वारा लिखी किताब ‘लीडरशिप बिहैवियर एंड इम्पलोय मोराॅल’ का विमोचन किया।
चंडीगढ़ : पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने सोमवार को पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान कमांडर (डाॅ) अविक्षित द्वारा लिखी किताब ‘लीडरशिप बिहैवियर एंड इम्पलोय मोराॅल’ का विमोचन किया। इस कार्यक्रम के दौरान पंजाब इंजीरियरिंग काॅलेज के निदेशक डाॅ धीरज संघी, मडगांव डोक्स लिमेटिड के पूर्व निदेशक रियर एडमिरल राकेश बजाज, सीएमएच के प्रमुख प्रो शारदा कौशिक और प्रोफेसर पीके वासुदेवा मौजूद रहें। यह कर्यक्रम राजभवन में आयोजित किया गया था। यह किताब खासकर मिडियम इंटरप्राईजिस (एमएसएमई) और इंजीनियरिंग इंडस्ट्री के दिग्गजों के लिए काफी मददगार होगी।
बदनौर ने इस अवसर पर लेखक की प्रशंसा की और कहा कि यह किताब न केवल विद्यार्थियों के लिये सहायक होगा बल्कि इंस्डट्री में अपना कैरियर बनाने के लिये प्रयासरत प्रोफेशनल्स के लिये काफी मददगार होगा। इस अवसर पर कामाडोर अविक्षित ने बताया कि कि एम.एस.एम.ई उद्योग की रीढ़ है जोकि देश अर्थव्याव्स्था में अहम भूमिका निभाती है। प्राईमरी और सेकेंडरी डाटा को एकत्रित कर परिणामों को प्राप्त करने के लिये उपयुक्त आंकडे और क्वांटिटिव ऐनालाईसिस तैयार किया गया था।
लेखक ने दुनिया भर में शिपयार्ड के वितरण पैटर्न का अध्ययन किया औश्र पाया कि सभी शिपयार्ड भारत में लगभग सभी परियोजनाओं में बड़े स्तर पर समय और लागत से आगे निकल गये है। किताब में क्लासिक लीडरशिप थ्यिूरीज, नए पहलूओं और देश में आर्थिक प्रगति के लिये एम.एस.एम.ई के औद्यागिक आधार को मजबूत करने के लिये समय की आवश्यकता के समावेश को पेश किया गया है। यह भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप’ मिशन को साकार करने में मार्गदर्शक साबित होगी। इस अवसर दो स्कूली बच्चों - मास्टर देवेश खन्ना और सुश्री निशा खन्ना को भी राज्यपाल ने सम्मानित किया। दोनों बच्चों ने अपनी ड्राईंग के माध्यम से किताब का कवर डिजाईन किया था
डाॅ अविक्षित ने 23 वर्षों तक नेवी में दी है अपनी सेवाएं
डाॅ अविक्षित चंडीगढ़ स्थित पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज में सेंटर ऑफ मैनेजमेंट एंड हयुमैनिटीज में विजिटिंग प्रोफेसर है और प्रोजेक्ट एंड प्रोग्राम मैनेजमेंट, इंडस्ट्रियल आपरेशंस, बिजनैस डिवलपमेंट एंड एलायंस मैनेजमेंट, प्लानिंग एंड प्रोडक्शन, जनरल मैनेजमेंट, मैकेनिकल, प्रोडक्शन, मैरिन और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में इन्हे 34 वर्षो का अनुभव हैं। डाॅ अविक्षित 1984 में इंडियन नेवी में कमीशंड हुये थे और उन्होंने 23 वर्ष नेवी को अपनी सेवाएं दी। नेवी से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंनें रिलायंस नेवल इंजीनियरिंग लिमेटिड में अपनी सेवाएं दी जहां उनका सामना एम.एस.एम.ई से हुआ और यहीं से उन्हें किताब लिखने की प्रेरणा मिली। इसके साथ-साथ गुजरात में स्थित स्वैन एलएनजी प्राईवेट लिमेटिड में भी चीफ आपरेटिंग आफिसर के पद पर अपनी सेवाएं दी।