ली कार्बूजिए के कारण सिटी ब्यूटीफुल है चंडीगढ़ : बदनौर

Edited By Priyanka rana,Updated: 15 Sep, 2019 12:40 PM

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पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने कहा है कि स्थापना के कई दशकों बाद भी चंडीगढ़ की पहचान सिटी ब्युटीफुल के रूप में होती है

चंडीगढ़(पाल) : पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने कहा है कि स्थापना के कई दशकों बाद भी चंडीगढ़ की पहचान सिटी ब्युटीफुल के रूप में होती है, इसका श्रेय यहां के वास्तुकार ली कार्बूजिए को जाता है। 

यहां की धरोहर में छेड़छाड़ किए बगैर ही इसकी सुंदरता को बरकरार रखने की दिशा में प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। बदनौर शनिवार को सैक्टर-17 स्थित परेड ग्राऊंड में पी.एच.डी. चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ आर्कीटैक्ट्स व इंडियन पलंबिंग एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित सातवें तीन दिवसीय आर्किबिल्ड का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे।

प्रशासक ने हिंदी में दिया भाषण :
प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर जब कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे तो भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने उनका ध्यान हिंदी दिवस की तरफ दिलाया। इसके बाद राज्यपाल ने कहा कि वैसे तो उनका भाषण अंग्रेजी भाषा में लेकिन हिंदी राष्ट्र में यह हिंदी दिवस की तौहीन होगी। इसके चलते उन्होंने बगैर देखे ही अपना भाषण हिंदी में दिया।

पार्किंग व ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखकर हो भवन निर्माण :
उन्होंने कहा कि वर्षों पहले डिजाइन किया गया चंडीगढ़ आज भी आर्कीटैक्चरल क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए शोध का केंद्र है। यही कारण है कि देश के कई हिस्सों में नए शहरों की स्थापना के लिए चंडीगढ़ को ही कॉपी किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस समय चंडीगढ़ की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग व लगातार बढ़ रही ट्रैफिक की है। इसके मद्देनजर भविष्य में इमारत निर्माण किया जा रहा है। 

उन्होंने निजी क्षेत्र से जुड़े लोगों को आह्वान किया कि प्राइवेट क्षेत्र की इमारतों में भी जहां भविष्य की जरूरतों के अनुसार निर्माण किया जाए वहीं सोलर प्रणाली को बढ़ावा देना भी समय की मांग है। चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि चंडीगढ़ में आर्कीटैक्ट को चाहिए कि वह भवन के नक्शे इस तरह से डिजाइन करें जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिल सके। 

आते रहते हैं नेताओं के नाम पर सड़क का नाम रखने के प्रस्ताव :
प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने कहा कि देश के अन्य शहरों की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी सड़कों के नाम नेताओं के नाम पर रखने और कई सार्वजनिक स्थानों पर चंडीगढ़ से जुड़े नेताओं की प्रतिमाएं लगाने के प्रस्ताव आते रहते हैं। 

लेकिन चंडीगढ़ शायद देश का पहला ऐसा राज्य है जहां किसी भी नेता के नाम पर सड़क का नाम नहीं है और किसी भी नेता की प्रतिमा नहीं है। यह ली कार्बूजिए का खौफ ही है जो हमने आजतक इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर मोहर नहीं लगाई।

ये रहे मौजूद :
प्रशासक का यहां पहुंचने पर स्वागत करते हुए पी.एच.डी. चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के चंडीगढ़ चैप्टन के को-चेयरमैन मधु सूदन विज ने कहा कि चैंबर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आर्किबिल्ड के दौरान विशेषज्ञों द्वारा भवन निर्माण के क्षेत्र में आ रहे बदलाव तथा नई तकनीक के बारे में मंथन किया गया है। 

इस अवसर पर पी.एच.डी. चैंबर ऑफ कामर्स के प्रिंसीपल निदेशक डॉ. रणजीत मेहता, इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ आर्कीटैक्ट्स के चेयरमैन मनमोहन खन्ना, पंजाब चैप्टर के चेयरमैन आर.एस. सचदेवा, को-चेयरमैन करण गिल्होत्रा समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
 

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