बैंक कर्मियों ने दो दिन की हड़ताल घोषित की

Edited By pooja verma,Updated: 30 Jan, 2020 11:04 AM

bank workers declared a two day strike

लंबित मांगों को लेकर यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के बैनर तले देश के अन्य हिस्सों की तर्ज पर हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के हजारों बैंक कर्मचारी 31 जनवरी और 1 फरवरी को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे।

चंडीगढ़ (साजन): लंबित मांगों को लेकर यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के बैनर तले देश के अन्य हिस्सों की तर्ज पर हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के हजारों बैंक कर्मचारी 31 जनवरी और 1 फरवरी को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे।  इस हड़ताल को ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज, ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कन्फैडरेशन, इंडियन कन्फैडरेशन आफ बैंक इंप्लाइज, ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन, बैंक इंप्लाइज फैडरेशन आफ इंडिया, इंडियन नैशनल बैंक इंप्लाइज फैडरेशन, इंडियन नैशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस, नैशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और इंडियन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक आफिसर्स का समर्थन प्राप्त है।

 

मौजूद वेज रिवीजन नवम्बर, 2017 से लंबित 
चंडीगढ़ प्रैस क्लब में बुधवार को प्रैस कॉन्फ्रैंस को संबोधित करते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के चंडीगढ़ स्थित संयोजक संजय कुमार शर्मा ने बताया कि बैंक कर्मियों और अधिकारियों की वेज और सर्विस कंडीशन द्विपक्षीय समझौते द्वारा शासित होते हैं। 

 

यह कंडीशंस इंडियन बैंक्स एसो.के साथ वार्ता से उत्पन्न निष्कर्ष और यूनियन द्वारा सबमिट मांगों के आधार हर पांच वर्षो में रिवाइज की जाती है। अंतिम सेटेलमैंट नवम्बर 2012 से अक्तूबर, 2017 तक का हुआ था जबकि मौजूद वेज रिवीजन नवम्बर, 2017 से लंबित है।

 

मात्र दो फीसदी के इजाफे की पेशकश की गई
सैटेलमैंट संबंधी बीते अनुभवों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय के डिपार्टमैंट ऑफ फाइनैंशियल सर्विसेज ने जनवरी 2016 में किए अपने पत्राचार के माध्यम से सभी बैंक मैनेजमैंट्स और आई.बी.ए. को सलाह दी थी कि प्रक्रिया में तेजी लाएं और नवम्बर 2017 से पहले 11वें वेज सेटेलमैंट का निपटारा करें। इस दिशा में यूनियनों ने भी काफी पहले अपना मांगपत्र रखा और इस दिशा में मई 2017 से अपने रुख में तेजी दिखाई। 

 

दुर्भाग्यवश आई.बी.ए. ने मई 2018 तक कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद मात्र दो फीसदी के इजाफे की पेशकश की गई। गत 30 महीनों से वात्र्ताओं का दौर चलने के बाद आई.बी.ए. ने 12.25 फीसदी की बढ़ौत्तरी की जोकि सरकार द्वारा 15 फीसदी के पारित बढ़ौत्तरी 
से कम है।

 

आई.बी.ए. अपने रवैये से टस से मस नहीं हो रहा 
संजय कुमार शर्मा ने बताया कि यूनियन की यह मांग बिलकुल मान्य है। बैंक कर्मियों में व्यापक रोष व्याप्त है परंतु आई.बी.ए. अपने रवैये से टस से मस नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि यूनियन के अपने अंतिम प्रयास में बीते कल 27 जनवरी का नई दिल्ली स्थित चीफ लैबर कमिश्नर ने इस गतिरोध में हस्ताक्षेप किया और आई.बी.ए. के साथ कर बैठक की लेकिन आई.बी. अपने जिद्द पर अड़ा रहा, जिसके चलते मजबूर होकर यूनियन को देशव्यापी हड़ताल के लिए उतरना पड़ा। 
 

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