Edited By bhavita joshi,Updated: 06 Jul, 2019 10:13 AM
यू.टी. प्रशासन के अंतरिम बजट की मांग को केंद्र ने सिरे से खारिज कर दिया है।
चंडीगढ़(साजन शर्मा): यू.टी. प्रशासन के अंतरिम बजट की मांग को केंद्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। चंडीगढ़ में विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 583 करोड़ की अतिरिक्त मांग की थी, लेकिन केंद्र ने इसे देने से इंकार कर दिया। इसके अलावा बीते साल 5,300 करोड़ की डिमांड पर केंद्र ने चंडीगढ़ प्रशासन को 4,625 करोड़ दिए थे।
इस हिसाब से वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए प्रशासन द्वारा केंद्र से 5883 करोड़ की डिमांड की गई थी। अफसरों को उम्मीद थी कि कुछ न कुछ तो अतिरिक्त बजट मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस संदर्भ में फाइनैंस सेक्रैटरी अजोय कुमार सिन्हा का कहना है कि इस संदर्भ में केंद्र से अभी कोई जानकारी नहीं आई है। सूत्रों की मानें तो यू.टी. प्रशासन के लिए अंतरिम बजट जैसा ही सब कुछ रहा है। खास कुछ नया देखने को नहीं मिला है।
नगर निगम के लिए मांगे थे 125 करोड़
अतिरिक्त बजट के तहत स्मार्ट सिटी के लिए 300 करोड़ लैंड एक्वायर के लिए 100 करोड़ और एम.सी. के लिए 125 करोड़ मांगे गए थे, लेकिन यह अतिरिक्त बजट प्रशासन को अभी तक नहीं मिला है।
रोजगार के लिए कुछ नहीं: बंसल
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने चंडीगढ़ और ओवर ऑल बजट पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि इसमें युवाओं के रोजगार के लिए कुछ नहीं है, बल्कि सरकार तो निजी निवेश की तरफ भाग रही है। उनके मुताबिक फरवरी और इस बार के तीन महीने के अंतराल के बजट में कुछ भी नया नहीं है।
बजट में जनता को दिया धोखा: छाबड़ा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि किसी वर्ग को कोई राहत नहीं, पैट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ौतरी से महंगाई और बढ़ेगी। आमजन इस बजट से खुद को ठगा महसूस कर रहा है। बजट नई बोतल पुरानी शराब की तरह ही है। रोजगार के लिए किसी तरह का प्लान सामने नहीं रखा गया है।
जनता के हितों के अनुरूप: टंडन
भाजपा चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि बजट में बुनियादी ढांचा, विकास, सामाजिक उत्थान, महिलाओं, किसान और कमजोर वर्ग के सशक्तीकरण पर फोकस किया गया है। इस बार बजट जनता के हितों के अनुरूप है।